मुंबई नैश्नल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी () ने अपनी चार्जशीट में बड़ा खुलासा किया है। मुकेश अंबानी की बिल्डिंग एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को जिलेटिन भरी स्कॉर्पियो रखी गई थी। अभी तक यह कहानी सामने आ रही थी कि यह गाड़ी ठाणे के व्यापारी हिरेन मनसुख के नाम थी, जबकि एनआईए ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया है कि यह गाड़ी मनसुख ने सचिन वाझे को बेच दी थी और दिसंबर, 2020 से यह वाझे के पास थी। वाझे ने ही गाड़ी बेचने वाला राज नहीं खोलने को कहा था एंटीलिया केस एनआईए से पहले क्राइम ब्रांच में खुद सचिन वाझे के पास था। बाद में यह एटीएस को ट्रांसफर कर दिया गया था। एनआईए के अनुसार, सचिन वाझे ने हिरेन मनसुख को बोल कर रखा था कि यदि एटीएस वाले सवाल पूछे, तो गाड़ी बेचने वाला यह राज उन्हें न बताना। NIA के पास गया केस और हो गया हिरेन मनसुख मर्डर एनआईए के पास केस तब ट्रांसफर हुआ, जब हिरेन मनसुख का कत्ल कर दिया गया और विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस ने 5 मार्च को विधानसभा में राज्य सरकार को घेरा। हिरेन मनसुख के पोस्टमार्टम के समय खुद मौजूद था वाझे एनआईए के अनुसार, 5 मार्च को जब हिरेन मनसुख की लाश का कलवा के सीएसएम अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जा रहा था, तब खुद सचिन वाझे वहां मौजूद था। स्कॉर्पियो मे जिलेटिन और धमकी भर लेटर भी वाझे ने ही छोड़ा एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि स्कॉर्पियो गाड़ी में जिलेटिन खुद सचिन वाझे ने ही रखी थी। वह ही इस गाड़ी को ड्राइव कर रहा था। उसी ने इस गाड़ी में धमकी भरा कागज भी छोड़ा था, जो मुकेश अंबानी और नीता अंबानी को संबोधित था। हिरेन मनसुख ने वाझे को बेची थी स्कॉर्पियो, स्कॉर्पियो गाड़ी को हिरेन मनसुख ने सचिन वाझे को बेच दिया था। मतलब, यह गाड़ी अधिकृत रूप से सचिन वाझे की थी। स्कॉर्पियो के पीछे वाली सरकारी इनोवा भी वाझे की ही थी खास बात यह है कि इस स्कॉर्पियो गाड़ी के पीछे एक इनोवा गाड़ी थी, वह सीआईयू की सरकारी गाड़ी थी, यानी वह भी सचिन वाझे की ही गाड़ी थी, जिसे सीआईयू का ड्राइवर चला रहा था। इनोवा का ड्राइवर बोला-सचिन वाझे ने उसे अंधेरे में रखा ड्राइवर ने एनआईए को बताया कि सचिन वाझे ने इस मामले में उसे अंधेरे में रखा। वाझे ने सिर्फ इतना ही कहा कि यह सीआईयू का एक सीक्रेट ऑपरेशन चल रहा है। उसके बाद सचिन वाझे ने कुछ दूर जाकर अपने सारे कपड़े बदल दिए और ड्राइवर को भी कपड़े बदलवा दिए। एंटीलिया कांड को अंजाम देने के लिए 100 रातों के बुक कराया होटल का रूम अपनी चार्जशीट में एनआईए ने लिखा है कि एंटीलिया कांड की साजिश को अंजाम देने के लिए ही सचिन वाझे ने दक्षिण मुंबई के एक होटल में 100 रातों का कमरा बुक कराया था। नाम कमाने के लिए वाझे ने रची एंटीलिया कांड की साजिश एनआईए का कहना है कि ख्वाजा युनूस केस की वजह से सचिन वाझे करीब 16 साल तक पुलिस फोर्स से बाहर रहे। उन्होंने जल्द बड़ा नाम कमाने के लिए एंटीलिया कांड की साजिश रची। खुद वाझे ने ही एंटीलिया के पास पार्क की कार, सबसे पहले पहुंचे एनआईए का कहना है कि 25 फरवरी को स्कॉर्पियो गाड़ी खुद सचिन वाझे ने ही वहां पार्क की थी। कुछ देर बाद जब मुकेश अंबानी के सुरक्षाकर्मियों ने इस लावारिस गाड़ी को देखा और खबर सुर्खियां बनने लगी, तो सचिन वाझे खुद सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंच गए, ताकि इनवेस्टिगेशन उनके पास आ सके। वाझे ने उसी दिन क्राइम ब्रांच में रीरजिस्टर्ड कराया केस खास बात यह है कि इस केस में एफआईआर गांवदेवी पुलिस स्टेशन में केस नंबर 35/2021 के रूप में दर्ज हुई। लेकिन सचिन वाझे ने उसी दिन क्राइम ब्रांच में केस को 40 /2021 नंबर से रीरजिस्टर्ड कर दिया, ताकि वह यानी वाझे खुद ही इस केस के इनवेस्टिगेशन अधिकारी बन सकें।
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