बेंगलुरु तालिबान अपना उदार चेहरा कितना भी दिखाने की कोशिश करे, लेकिन उसकी फितरत बदलने वाली नहीं है। वह मार-काट, छीना-झपटी और लूटपाट की भाषा ही समझता है। तालिबान ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के उन जवानों पर भी हमला किया था, जो अफगानिस्तान में भारतीय सेना का एक हिस्सा थे और देश को छोड़ रहे थे। युद्धग्रस्त देश से लौटे इन सैनिकों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने भयावह अनुभव को साझा किया है। पांच दिन पहले अफगानिस्तान से सुरक्षित भारत लौटे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से जुड़े एक जवान रवि नीलागर की चाची शैला के. नीलागर ने भारतीय सैनिकों पर तालिबान के हमले से संबंधित रवि से उन्हें मिली कुछ जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा, रवि ने हमें बताया कि जब उनमें से 200 जवानों को अफगानिस्तान से निकाला जा रहा था तो तालिबान आतंकियों ने उनके दल पर हमला किया था। जब सैनिक विमान में सवार थे तो तालिबान ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की। उन्होंने उनका सामान भी छीन लिया। रवि बहुत दुखी था कि उसने अपना सारा सामान खो दिया, लेकिन परिवार ने उसे यह कहकर सांत्वना दी कि उसकी सुरक्षित वापसी ही सब कुछ है। शैला ने बताया, रवि क्वारंटीन हैं। छुट्टियों के लिए 20 दिनों के बाद घर वापस आएंगे। रवि 2 साल से अफगानिस्तान में ड्यूटी कर रहे थे। इस बीच अफगानी पति सैयद जलाल के साथ अफगानिस्तान में रह रहीं बेल्लारी की संदूर निवासी तनवीन के परिवार को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। वे अफगानिस्तान से सुरक्षित लौटे हैं। तनवीन के पिता अब्दुल सत्तार ने कहा कि भारतीय दूतावास ने उनकी वापसी की पुष्टि की है। तनवीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान सैयद जलाल से मिलीं और 2018 में उन्होंने शादी कर ली। मंगलुरु की एक नन टेरेसा क्रस्टा ने अपने सहयोगियों को एक वॉयस मैसेज भेजा है कि वह सुरक्षित रूप से अफगानिस्तान से लौट रही हैं। टेरेसा एक इतालवी एनजीओ के माध्यम से अफगानिस्तान गई थीं और वह मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए एक संस्थान की प्रभारी थीं। उन्होंने सिस्टर ऑफ चैरिटी इंस्टीट्यूट में सहयोगियों से कहा है कि एक इतालवी एनजीओ ने अफगानिस्तान से उनके जाने की व्यवस्था की है। फिलहाल उनकी भारत यात्रा स्थगित हो गई है। कारण है कि काबुल हवाई अड्डे पर अराजकता का माहौल है। प्रवेश प्रतिबंधित है। क्रस्टा ने ऑडियो में यह भी कहा है कि उन्होंने पहले ही भारतीय दूतावास में पंजीकरण करा लिया है। वे उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था कर रहे हैं।
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