नई दिल्ली भारत ने चीनी इंजीनियरों पर हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कहा कि प्रतिबंधित आतंवादियों का पनाहगाह बने पाकिस्तान की चाल है, जिसके जरिए वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया था कि पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बस पर हुए आत्मघाती हमले में भारत और अफगानिस्तान का हाथ था। 9 चीनी समेत 13 लोगों की हुई थी मौत 14 जुलाई को हुए इस बम विस्फोट में नौ चीनी इंजीनियरों सहित कुल 13 लोग मारे गए थे। धमाके के बाद उनकी बस खाई में गिर गई थी, जिसमें दो दर्जन लोग घायल भी हुए थे। चीन ने इस घटना को लेकर पाकिस्तान से कड़ी नाराजगी जताई थी। मामला इतना बढ़ गया था कि चीन को मनाने के लिए इमरान खान ने शाह मदमूद कुरैशी और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को पेइचिंग भेजना पड़ा था। भारत बोला- यह हमें बदनाम करने की कोशिश भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि भारत अंतराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रहा है। जहां तक आतंकवाद की बात आती है कि वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान की विश्वसनीयता का पता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पाकिस्तान को झूठ फैलाने एवं दुष्प्रचार करने के हताशा भरे प्रयासों से लाभ नहीं होगा। कुरैशी का आरोप- अफगानी जमीन का हुआ इस्तेमाल इस्लामाबाद में कुरैशी ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान अफगानी जमीन का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस्तेमाल किए गए वाहन को पाकिस्तान में तस्करी कर लाया गया था। उन्होंने पाकिस्तानी जांच दल की पीठ थपथपाते हुए कहा कि यह एक ब्लाइंड केस है, लेकिन पाकिस्तानी संस्थान इसका पता लगाने में कामयाब रहे।
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