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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Monday, August 23, 2021

ईस्टर्न लद्दाख में चीन के साथ हुए तनाव के बाद भारतीय सेना की तैनाती में बड़ा बदलाव

नई दिल्ली में पिछले साल मई में जब एलएसी पर चीन के साथ तनाव शुरू हुआ तब से अब तक की तैनाती में कई बदलाव हुए हैं। तनाव को देखते हुए सेना की तैनाती बढ़ाई गई और इसे वक्त के साथ कम-ज्यादा किया जाता रहा। लेकिन कुछ बदलाव ऐसे हैं जो अब परमानेंट नजर आ रहे हैं। करीब एक साल में ईस्टर्न लद्दाख में कई अहम बदलाव हो गए है। जिसके बाद पहले के मुकाबले सेना की एक अतिरिक्त डिविजन की वहां स्थाई तौर पर तैनाती दिख रही है। आम तौर पर एक डिविजन में 12-15 हजार सैनिक होते हैं। आर्मी सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा भी अभी वहां पर करीब 3 एक्स्ट्रा ब्रिगेड तैनात हैं, मुमकिन है कि सर्दियों से पहले उनकी वापसी हो सकती है क्योंकि एलएसी पर तनाव के बड़े पॉइंट्स पर भारत और चीन की सेना के बीच डिसइंगेजमेंट हो गया है। हालांकि जो परमानेंट तैनाती हुई है उससे भारत की स्थिति एक साल पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत है। भारतीय सेना की 14 वीं कोर के जिम्मेदारी वाले इलाके में लद्दाख एरिया आता है। पिछले साल तक सेना की 14 वीं कोर के तहत दो डिविजन थी। एक डिविजन जो चीन फ्रंट की देखती थी और दूसरी डिविजन जो पाकिस्तान फ्रंट को देखती थी। चीन के साथ जब तनाव बढ़ने लगा तो एक वक्त में एलएसी की जिम्मेदारी देखने के लिए वहां पर 4 से 5 डिविजन भेजी गई थी लेकिन फिर धीरे धीरे स्थिति के हिसाब से इनकी तैनाती बदली गई। अब एक बड़ा बदलाव यह आया है कि अब 14 वीं कोर के पास तीन डिविजन हो गई हैं। एक डिविजन जो पाकिस्तान फ्रंट को देखती है, एक डिविजन जो चीन फ्रंट को देखती है और एक नई डिविजन, जिसे भी चीन फ्रंट का जिम्मा दिया गया है। यानी चीन फ्रंट को देखने के लिए अब दो डिविजन हैं। फिलहाल यह बदलाव परमानेंट लग रहा है। आर्मी के एक डिविजन में अमूमन 12-15 हजार सैनिक होते हैं। इसके अलावा सेना की 1 कोर जो पहले साउथ वेस्टर्न कमांड के तहत आती थी उसे उसकी एक इंफ्रेंट्री डिविजन के साथ अब नॉर्दन कमांड के अंडर किया गया है। एक और डिविजन जो पहले हेडक्वॉर्टर रिजर्व थी वह भी नॉर्दन कमांड के अंडर 1 कोर का हिस्सा बन गई है। इस तरह एक साल के भीतर आए बदलाव में आर्मी की नॉर्दन कमांड में इंफ्रेंट्री की दो डिविजन अतिरिक्त हो गई हैं। चीन बॉर्डर पर अतिरिक्त सैनिकों की परमानेंट तैनाती के साथ ही वहां सैनिकों के लिए भी अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। इसमें राशन से लेकर क्लोदिंग तक और इक्विपमेंट से लेकर रहने की जगह तक सब शामिल हैं। आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक यह री-बैलेंसिंग के तहत किया गया है। मौजूदा आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे ने जब पद संभाला था तभी कहा था कि सेना पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर तैनाती और रणनीति के लिहाज से री-बैलेंसिंग कर रही है। उन्होंने कहा था कि पहले फोकस सिर्फ पाकिस्तान था लेकिन हमें लगता है कि पाकिस्तान और चीन फ्रंट दोनों बराबर अहम हैं।

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