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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Friday, July 16, 2021

राजद्रोह कानून को खत्म करने की जरूरत नहीं, पढ़िए क्या कह रहे पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई

नई दिल्ली देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई का कहना है कि राजद्रोह कानून को रद्द करने की जरूरत नहीं है। टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले 3 बार अपने फैसलों में बहुत ही स्पष्ट तौर पर बताया है कि 124-A के तहत राजद्रोह कानून के पैरामीटर क्या होंगे। इसे रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है। पूर्व सीजेआई ने कहा कि देश में कानूनों को चुनौती देने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भाषण से लोगों को सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उकसाता है तो यह राजद्रोह है। उन्होंने कहा कि कोर्ट किसी कानून की वैधानिकता का फैसला करते हैं और सरकार उसकी जरूरत का। कोर्ट सिर्फ किसी कानून की वैधानिकता का फैसला कर सकता है, उसकी जरूरत पर नहीं। उन्होंने कहा कि अगर किसी कानून का दुरुपयोग हो रहा है तो इसे रोकने के तरीके भी हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे राजद्रोह कानून के औचित्य पर सवाल उठाया है। राजद्रोह कानून के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई एन वी रमन ने केंद्र से पूछा कि जिस कानून का इस्तेमाल अंग्रेजों ने स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए किया, महात्मा गांधी जैसे लोगों को चुप कराने के लिए किया, आज आजादी के 75 साल बाद उसकी जरूरत ही क्यों है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मेजर जनरल एसजी वोम्बटकेरे और 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' की तरफ से दायर याचिकाओं को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए ये टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि कई पुराने कानूनों को खत्म करने वाली सरकार ने अबतक राजद्रोह कानून को क्यों नहीं खत्म किया।

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