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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, April 18, 2021

पति पॉजिटिव फिर भी करती रहीं इलाज.... यकीन रखें इन 'देवदूतों' से हारेगा कोरोना

नई दिल्ली'मैं डॉक्टर हूं। कोरोना की वजह से मैं छिपकर घर में नहीं बैठ सकती थी। मेरा काम है और काम से बढ़कर जिम्मेदारी है। लेकिन घर, परिवार और बच्चे व बुजुर्ग की चिंता हमें भी होती है। इसके बाद भी संक्रमण के डर के बीच हमने पूरे साल काम किया और आज भी कर रही हूं।' ये शब्द हैं आईवीएफ एक्सपर्ट एवं जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक की फाउंडर डॉक्टर गौरी अग्रवाल के। जिम्मेदारी सबसे ऊपर: डॉ. गौरी उन्होंने कहा कि जब कोरोना की शुरुआत हुई थी, हमें नहीं पता था कि यह कब तक चलेगा। अस्पताल या लैब से घर आते हुए डर लगता था कि कहीं मैं अपने परिवार के लिए संक्रमण का कैरियर न बन जाऊं। एक-एक दिन निकालना मुश्किल हो रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हारी। पति पॉजिटिव हो गए, फिर भी मरीजों का इलाज और जांच जारी रखा क्योंकि जो हालात हैं, उसमें जिम्मेदारी सबसे ऊपर है। घर से लैकर, चुनौतियां ही चुनौतियां डॉक्टर गौरी ने कहा कि घर में सास ससुर, दो बच्चे और पति हैं। पति भी डॉक्टर हैं। पिछले साल लॉकडाउन की घोषणा हो गई। मेड का आना बंद हो गया। घर की सफाई से लेकर खाना बनाना, दो-दो बच्चों को पालना और उसके बाद अस्पताल और लैब के काम। मेरी एक 5 साल की बेटी है, उसकी ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई। वर्किंग पैरंट्स की वजह से दोनों में से कोई काम नहीं छोड़ सकते थे, क्योंकि इस समय हम दोनों की जरूरत समाज और देश को थी। मजबूरी में बच्ची की पढ़ाई प्रभावित हुई, लेकिन मरीजों के इलाज, जांच में हमने कोई कमी नहीं होने दी। हालात यह थे कि घरवाले कहने लगे कि काम छोड़ दो, लेकिन जब महामारी फैली हो तो एक डॉक्टर कैसे घर बैठ सकता है। ...जब डॉक्टर पति हो गए पॉजिटिव जिस तेजी से संक्रमण फैलता जा रहा था, डॉक्टरों के ऊपर भी बोझ बढ़ता जा रहा था। विदेश से आने वाले हर किसी की जांच का काम हमारी लैब के पास है। यह ऐसा काम है जिसे किसी भी हाल में छोड़ नहीं सकते। लेकिन संक्रमण का खतरा भी उतना ही है। आज एयरपोर्ट पर जांच करने वाले हमारे 300 स्टाफ में से 30 पर्सेंट पॉजिटिव हैं। मैनपावर कम पड़ना, नए को रिक्रूट करना, ठीक से काम कराना, आसान नहीं है। ऊपर से मेरे पास इलाज करा रही प्रेग्नेंट महिलाएं, जिसमें सेरोगेट मदर भी होती हैं, इनका फॉलोअप बीच में नहीं रुक सकता। इस जंग के बीच पति दिसंबर में कोविड पॉजिटिव हो गए। हमने फ्लोर बांट लिया, ताकि बाकी लोगों को संक्रमण नहीं हो। दूसरी लहर के लिए सभी जिम्मेदार: डॉ. गौरी हालांकि, डॉक्टर गौरी का यह भी कहना है कि कोविड की दूसरी लहर के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। सभी रिलैक्स हो गए, सेलिब्रेशन मोड में आए। वैक्सीन आई तो अभी तक युवाओं को नहीं लग रही है। संक्रमण तेजी से फैलने की वजह नए वैरिएंट भी हो सकते हैं, लेकिन युवाओं में वैक्सीनेशन नहीं होने की वजह से इस बार उनमें संक्रमण ज्यादा देखा जा रहा है, यह भी एक कारण हो सकता है। जिस तरह पूरा साल बीता है और अभी भी उसी दौर में है, हमें और सख्ती से नियमों का पालन करना जरूरी है।

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