नई दिल्लीकोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोरोना का एक साल निकलने के बाद अर्थव्यवस्था धीरे- धीरे पटरी पर लौट रही थी लेकिन इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर से इसे झटका लगा हैं। हालांकि ऐसे समय में मॉनसून को लेकर अच्छी खबर आई। इस साल सामान्य मॉनसून रहने की संभावना जताई गई है। 1996 से 1998 के बीच हुई थी ऐसी बारिश इस खबर से न केवल कृषि क्षेत्र बल्कि दूसरे सेक्टर को भी राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार 2021 लगातार तीसरा ऐसा साल होगा जब सामान्य बारिश होगी। इससे पहले लगातार तीन साल 1996,1997 और 1998 लगातार तीन साल अच्छी बारिश हुई थी। मौसम विज्ञान की ओर से बताया कि देश में 75 प्रतिशत से अधिक वर्षा लाने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस साल सामान्य रहने का अनुमान है। अल नीनो का असर रहेगा कम पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने शुक्रवार बताया कि पांच प्रतिशत कम या ज्यादा की त्रुटि की गुंजाइश के साथ दीर्घावधि औसत (एलपीए) 98 प्रतिशत रहेगा। जून से सितंबर के बीच चार महीने के दौरान वर्षा के लिए पूर्वानुमान को जारी किया। इस बार अल नीनो का प्रभाव कम रहने की संभावना है। दीर्घावधि औसत के हिसाब से 96-104 प्रतिशत के बीच मॉनसून को सामान्य माना जाता है। हर महीने का जारी होगा पूर्वानुमान दक्षिण-पश्चिम मानसून को देश की अर्थव्यवस्था में अहम माना जाता है क्योंकि अर्थव्यवस्था मुख्यत: कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर बहुत हद तक निर्भर करती है। देश का बड़ा हिस्सा कृषि और जलाशयों के भरने के लिए चार महीने तक चलने वाले मॉनसून के मौसम पर निर्भर करता है। राजीवन ने कहा कि आईएमडी अगले चार महीनों के दौरान माह-वार के पूर्वानुमान भी जारी करेगा। आईएमडी के चार प्रभागों उत्तर पश्चिम भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप के लिए भी पूर्वानुमान जारी किया जायेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा कि इस साल मानसून के लिए एक नई पूर्वानुमान रणनीति की योजना बनायी गयी है। यह भी कहा कि उन्होंने मानसून पूर्वानुमान की तैयारियों की समीक्षा की है। अगले कुछ दिनों में नयी पूर्वानुमान रणनीति जारी की जाएगी।
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