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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, March 13, 2021

कैसा पानी पी रहे हैं आप...आसानी से करा सकेंगे जांच, कोरोना टेस्ट सिस्टम का मिलेगा फायदा

नई दिल्ली आप जो पानी पी रहे हैं अब आसानी से उसकी जांच करवा सकेंगे। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने इस संबंध में एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है। केंद्र सरकार इसके लिए कोविड -19 टेस्टिंग और मॉनिटरिंग के लिए तैयार की गई तकनीकी क्षमता का लाभ उठाएगी। इसके लिए आईसीएमआर के साथ पार्टनरशिप की गई है। इसके तहत यूजर्स को अपने पेयजल की क्वालिटी का पता लगाना संभव हो सकेगा। इस काम के लिए देश भर में लगभग 2,000 लैब्स के नेटवर्क की मदद ली जा सकेगी। आईसीएमआर की तकनीक का मिलेगा फायदा जल गुणवत्ता सूचना प्रबंधन प्रणाली '(WQMIS) यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी प्रतिकूल रिपोर्ट को ऑटोमेटिकली राज्य और केंद्रीय स्तर के अधिकारियों के पास भेजा जाए। इससे पीने के पानी की आपूर्ति के स्रोत पर सुधारात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। यह सिस्टम कोविड-19 टेस्ट मॉनिटरिंग के लिए आईसीएमआर के मजबूत ऑनलाइन पोर्टल के काम करने के तरीके पर काम करेगा। महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ही रोजगार पैदा होगा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 'हर घर जल' सिर्फ एक बार का बुनियादी ढांचा कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फ्रंटलाइन श्रमिकों की क्षमता के निर्माण, महिलाओं को सशक्त बनाने और गांवों में रोजगार पैदा करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगा। गांव-स्तर पर पीने के पानी का प्रारंभिक परीक्षण प्रशिक्षित महिला श्रमिकों द्वारा फील्ड किट (FTK)का उपयोग करके किया जाएगा। देश के प्रत्येक गांव में एफटीके परीक्षण करने के महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर लैब में भेजा जाएगा सैंपल यदि आवश्यक हो, तो सैंपल को कन्फर्मेशन टेस्ट के लिए के लिए निकटतम लैब में भेजा जाएगा। एक अनुमान के अनुसार, टेस्ट में आर्सेनिक और फ्लोराइड सामग्री सहित 12 चिह्नित किए गए पैरामीटर्स के लिए 180 - 600 रुपये का खर्च आएगा। इस लागत को ग्राम जल और स्वच्छता समिति वहन करेगी। इसमें 8-10 बेसिक पैरामीटर्स पर पानी के सैंपल की जांच की लागत 200 रुपये से अधिक नहीं होगी। वर्तमान में WQMIS से अभी 1933 लैब जुड़ी हुई हैं। साल 2021 में 50 हजार करोड़ का बजट केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के 1000 हजार करोड़ रुपये के बजट में से करीब 2 फीसदी पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता की जांच के लिए रखा है। जल जीवन मिशन के तहत साल 2024 तक देश के हर ग्रामीण घरों में नल के जरिये जल उपलब्ध कराने की योजना है। जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों और WQMIS के साथ टेस्टिंग सिस्टम की रूपरेखा पर चर्चा की है।

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