नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भाजपा का लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि उसकी प्राथमिकता देश के लिए बड़ा काम करने और देश को बड़ा बनाने की है। उन्होंने कहा कि इसे ही ध्यान में रखते हुए भाजपा को अपने संगठन का विस्तार करना चाहिए। राजधानी स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ये बातें कहीं। इसकी जानकारी भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव ने संवाददाता सम्मेलन में दी। देश को बड़ा बनाना है प्राथमिकता यादव के अनुसार प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘भाजपा का जो मिशन है, भाजपा का जो संगठन है, यह केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं है। बल्कि उसके लिए प्राथमिकता देश के लिए बड़ा कार्य करना है और देश को बड़ा बनाना है।’’ मोदी ने कहा कि भाजपा संगठन को भी उसी हिसाब से अपनी गुणवत्ता में विकास करना चाहिए। ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ को भाजपा का मूलमंत्र बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मूलमंत्र को लेकर ही भाजपा देश में सकारात्मक कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे जीएसटी सुधार का विषय हो, कृषि सुधार के विषय हो या फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण का विषय हो। देश में लगातार सुधार का कार्य करते हुए भारत को आगे ले जाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है।’’ ने ट्वीट कर दी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे ‘देश पहले’ के आदर्श वाक्य के साथ पार्टी को मजबूत करें, उसका विस्तार करें। भाजपा महासचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री के भाषण से सभी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ। बाद में मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज भाजपा नेताओं की एक बैठक में शामिल हुआ। पार्टी के सुशासन के एजेंडे और आने वाले समय में अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने के रास्तों पर विस्तृत चर्चा हुई।’’ बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव किया पारित बैठक में देश की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित हुआ जिसमें कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों और कोविड-19 के प्रबंधन में प्रभावी नेतृत्व देने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया गया। इस बैठक में भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेशों के अध्यक्ष, राज्यों के प्रभारी व सह-प्रभारी तथा राज्यों के संगठन मंत्री भी शामिल हुए। पांच विधानसभा चुनावों पर भी हुई चर्चा बैठक के दौरान असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव, आत्मनिर्भर भारत अभियान और तीन कृषि कानूनों के बारे में भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में महामारी के दौरान गरीब किसान कल्याण योजना चलाने, समावेशी बजट प्रस्तुत करने और चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के दौरान उपयुक्त कदम उठाने को भी रेखांकित किया गया।
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