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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, June 17, 2020

कोटा: मजदूर बन अफसर ने 3 घंटे की खुदाई


कोटा। राजस्थान की कोटा परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरएएस टीकम चंद बोहरा ने बुधवार को मनरेगा श्रमिक बनकर करीब 3 घंटे कुदाल चलाते हुए श्रमदान किया। श्रमिकों को प्रोत्साहित करने और ग्रामीणों को मनरेगा के प्रति रोजगार पाने के लिए आकर्षित करते हुए खुद ने गैंती, फावड़ा, तगारी से मनरेगा कार्य स्थल पर मजदूरी का काम किया। और करीब 3 घंटे तक गैंती चलाते हुए गड्ढा खोदा।यह सब देखकर मजदूर चोंक गए, एक वरिष्ठ आरएएस अधिकारी ने कोटा जिले की आलनिया ग्राम पंचायत के वन क्षेत्र में वन्यजीवों के पेयजल के लिए तलाई खुदाई का काम किया। सीईओ का काम में लाडपुरा पंचायत समिति के विकास अधिकारी साधु सिंह ने उनका पूरा साथ दिया सांदू सिंह ने भी गैंती पाहवड़ा चलाकर मजदूरी की।जिला परिषद कोटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीकम चंद बोहरा ने नवाचार करते इस तरह से एक संदेश देने की कोशिश की है कि नरेगा श्रमिक मेट की ओर से दिए जाने वाले निर्धारित टास्क को पूरा कर न्यूनतम निर्धारित मजदूरी 220 रूपए प्राप्त कर सकते हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से पूरी मजदूरी प्राप्त कर सकते हैं। टास्क पूरी करने के संबंध में भी उन्होंने संदेश देने की कोशिश करते हुए कोटा जिले की पंचायत समिति लाडपुरा स्थित ग्राम पंचायत आलनिया में बुधवार सुबह 6 बजे कार्यस्थल पर पहुंचे। तलाई गहरीकरण कार्य में 2 श्रमिकों के लिए निर्धारित 60 घनफीट की टास्क ली और सीईओ बोहरा ने नरेगा श्रमिकों की तरह टास्क लेकर गड्ढा खोदने का 3 घंटे तक काम किया। वरिष्ठ आरएएस अधिकारी टीकम चंद बोहरा में 3 घंटे पश्चात 77 घनफीट कार्य कर मेट से कार्य को नपवाया। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों को संदेश दिया कि महात्मा गांधी नरेगा में जो टास्क दी जाती है। उसके लिए 7 घंटे का जो समय दिया जाता है वह पर्याप्त है। श्रमिक, पूरा काम पूरा दाम का जो संदेश है उसको साकार कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों को टास्क को समय से पूर्व भी सहजता से कर सकते हैं। इस बात को प्रायोगिक रुप से खुद ने तलाई खुदाई का काम करते हुए गड्ढा खोद के बताया। इस दौरान लाडपुरा पंचायत समिति के विकास अधिकारी सांदू सिंह व जिला परिषद की आईईसी प्रभारी रविंद्र श्रीवास्तव मुख्य रूप से मौजूद थे। कोटा जिले में 158 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का काम चल रहा है और करीब एक लाख से ज्यादा लोग नरेगा में मजदूरी कर रहे हैं। via WORLD NEWS The Navbharattimes

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