Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Thursday, October 31, 2019

जासूसी: सरकार ने पूछा- कैसे निजता की रक्षा

नई दिल्लीकेंद्र सरकार ने मेसेजिंग प्लेटफॉर्म '' को यह जानकारी देने के लिए कहा है कि इजरायल के स्पाइवेयर 'पेगासस' ने फोन को किस तरह प्रभावित किया गया। इससे कई भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों को निशाना बनाया गया और फोन के जरिए उनकी 'जासूसी' की गई। केंद्र सरकार ने साथ ही पूछा कि कंपनी भारतीयों की निजता की सुरक्षा किस तरह करेगी। आईटी मंत्री की प्रतिक्रिया गुरुवार को वॉट्सऐप के रहस्योद्घाटन के बाद आई जिसमें भारत सहित दुनिया भर में 1400 लोगों को लक्ष्य बनाया गया। 'पेगासस' की निगरानी तकनीक इतनी प्रभावी थी जो मेसेज की पूरी सामग्री को पढ़ और प्रसारित कर सकती है। पढ़ें, इतना ही नहीं, फोन के साथ-साथ उसके कैमरे को भी संचालित किया जाता है। वॉट्सऐप ने गुप्त निगरानी प्रयासों के पीछे की संस्थाओं का नाम नहीं लिया, लेकिन इजरायल की कंपनी एनओएस ग्रुप (जिसने तकनीक विकसित की है) ने कहा कि 'पेगासस' केवल सरकारों और उनकी एजेंसियों को बेचती है। 'गंगेज' दिया था नामवॉट्सऐप प्रमुख विल कैथकार्ट ने वॉशिंगटन पोस्ट में लिखा कि उनकी कंपनी ने पहली बार मई 2019 में साइबर हमले के इस नए रूप का पता लगाया था। इसने ऐप के विडियो-कॉल ऑप्शन के जरिए फायदा उठाया। कैथकार्ट ने कहा कि वे एनएसओ की भागीदारी के बारे में 'निश्चित' थे क्योंकि जानकारी मिली कि साइबर हमलावरों ने सर्वर और इंटरनेट-होस्टिंग सेवाओं का उपयोग किया था जो पहले एनएसओ से जुड़े थे। वॉट्सऐप की जांच में सहायता करने वाली टोरंटो यूनिवर्सिटी की सिटिजन लैब ने कहा कि साइबर हमलावरों ने 'ऑपरेटरों' का इस्तेमाल किया और भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ब्राजील और हॉन्ग कॉन्ग के लिए 'गंगेज' का नाम दिया गया। 4 नवंबर तक जवाब दे वॉट्सऐपआईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'सरकार मेसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप पर देश के नागरिकों की गोपनीयता भंग होने से चिंतित है। हमने वॉट्सऐप से इस पर जवाब मांगा है और साथ ही पूछा है कि वह करोड़ों भारतीय नागरिकों की निजता की रक्षा के लिए क्या कर रहा है।' सरकार ने 4 नवंबर तक इस पर वॉट्सऐप से प्रतिक्रिया देने को कहा है। निजता की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध: गृह मंत्रालयकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने जासूसी विवाद को भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश करार दिया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार नागरिकों के निजता के अधिकार समेत उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि कोई भी बिचौलिया अगर नागरिकों की निजता के उल्लंघन का जिम्मेदार मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वॉटसऐप ने ही दी जानकारी वॉट्सऐप ने खुलासा किया कि एक इजरायली स्पाइवेयर के जरिए दुनिया भर में कई वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी की गई। कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि, वॉट्सऐप ने यह नहीं बताया कि कितने भारतीयों की जासूसी की गई। चार महाद्वीपों के वॉट्सऐप यूजर्स इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। वॉट्सऐप ने यह जानकारी नहीं दी कि किसके कहने पर फोन हैक किए गए हैं। पढ़ें, कैसे की जासूसी?इजरायल के स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए हैकिंग को अंजाम दिया गया। वॉट्सऐप के मुताबिक, इस स्पाइवेयर को इजरायल की सर्विलांस फर्म ने डिवेलप किया था। इसके लिए वॉट्सऐप NSO ग्रुप के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी विडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिए ऐसा किया गया। कांग्रेस ने साधा निशानाकांग्रेस ने इस मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। काग्रेस नेता ने लिखा, 'सरकार ने वॉट्सऐप से पूछा है कि भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए पेगासस को किसने खरीदा है, यह वैसे ही है जैसे मोदी दसॉ से पूछे कि राफेल जेट्स की भारत को बिक्री से किसने पैसे बनाए!' पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले और सरकार की जवाबदेही तय करे। किन्हें बनाया शिकारभारत में जिन्हें हैकर्स ने शिकार बनाया, वे मुख्य रूप से मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और पत्रकार हैं जो आदिवासियों, दलितों के लिए अदालत में सरकार से लड़ रहे थे या उनकी बात रख रहे थे। इसमें बस्तर की मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, बीबीसी के पूर्व पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी, एल्गर परिषद मामले में कई लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले निहालसिंह बी राठौड़, दलितों और आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाले डिग्री प्रसाद चौहान, लेखर आनंद तेलतुमडे और विदेशी मामलों और डिफेंस कवर करने वाले टीवी पत्रकार सिद्धांत सिब्बल शामिल हैं। वॉट्सऐप की ओर से खास मेसेज भेजकर इनसे संपर्क किया गया था और चेतावनी दी गई कि उनके फोन हैक किए गए।

No comments:

Post a Comment