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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Monday, August 26, 2019

मोदी के आगे ट्रंप के सुर बदले, पाक बेचैन

नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीनने को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की पाकिस्तान की आखिरी कोशिश भी नाकाम रही। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ इस मुद्दे पर भारत का पक्ष सामने रखा। साथ ही, दुनिया को यह भी बता दिया कि भारत-पाकिस्तान के मसलों में किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। फ्रांस के बियारिज में जी-7 की बैठक से इतर मोदी ने ट्रंप को साफ बता दिया कि पाकिस्तान के साथ मसले पूरीतरह दो पक्षीय हैं। इसमें किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। उन्होंने सबसे ताकतवर देशों के मंच से यह भी बता दिया कि कश्मीर पर हालात पूरी तरह काबू में हैं, जिसकी पुष्टि खुद ट्रंप ने की। पढ़ें: पर अटकलबाजी का दिया जवाब मोदी ने इस मुलाकात का इस्तेमाल कश्मीर पर दुनिया में चल रही अटकलबाजी और उनके सवालों का जवाब देने के लिए किया। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से मिलकर भी यही बात दोहराई। सबसे सकारात्मक बात यह रही कि इस मंच पर सभी देशों ने भारत के पक्ष को सुना और उसे माना भी। भारत की बड़ी जीत कश्मीर मुद्दे को ग्लोबल बनाने की पाकिस्तान की आक्रामक कोशिश और तीन बार अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता की बयानबाजी से भारत में कुछ चिंता जरूर देखी गई, लेकिन सोमवार को ट्रंप ने जिस तरह इस मामले से खुद को पूरी तरह अलग किया, वह भारत के लिए बड़ी जीत है। पढ़ें: हंसी ठिठोली और दे ताली अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के दौरान जब मोदी हिंदी में बोल रहे थे, तो ट्रंप ने कहा कि मोदी बहुत अच्छी इंग्लिश बोलते हैं। इसके बाद दोनों नेता हंसने लगे और मोदी ने उनके हाथ में थपकी दी। बौखलाए इमरान ने दी एटमी जंग की धमकी मध्यस्थता से अमेरिका के पीछे हटने से निराश पाकिस्तान ने एटमी जंग की धमकी दी। देश के नाम संबोधन में पाकिस्तानी पीएम ने कहा, 'कश्मीर के लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे। दोनों तरफ परमाणु हथियार हैं। अगर युद्ध हुआ तो दोनों देशों के साथ पूरी दुनिया तबाह होगी। यूएन की जिम्मेदारी है कि कमजोर के साथ खड़े हों, लेकिन वह हमेशा ताकतवर का साथ देता है। आज दुनिया की ताकतें और मुसलमान देश भी मजबूरी के कारण हमारे साथ नहीं हैं। लेकिन आने वाले समय में वे जरूर साथ देंगे। हम पूरी दुनिया में कश्मीर के ऐंबेसडर बनेंगे। मैं 27 सितंबर को यूएन में यह मुद्दा उठाऊंगा।'

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