परिवार द्वारा छोड़ दिये गए 45 एचआईवी संक्रमित बच्चों के लिये चेन्नई के सोलोमन राज पिता की तरह हैं। उन्होंने अपने 'शेल्टर ट्रस्ट' में इन बच्चों को पनाह दी है। राज का कहना है कि अच्छा काम उन्हें संतोष देता है और उन्हें तब और अच्छा लगता है जब बच्चे उन्हें अप्पा कहकर बुलाते हैं। अपने शेल्टर होम में वह बच्चों का शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, कला व नृत्य की ट्रेनिंग आदि मुहैया कराते हैं। कई बच्चे ऐसे भी हैं जो ग्रैजुएशन कर रहे हैं। सोलोमन की कोई संतान नहीं है और वह एचआईवी संक्रमित बच्चों को अपने यहां शरण देते हैं और उन्हें इससे काफी संतोष मिलता है।
via WORLD NEWS
No comments:
Post a Comment