2015 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में नवगठित आम आदमी पार्टी ने जब भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकते हुए 70 में से 67 सीटें हासिल की थीं तो हर कोई हैरान था। 4 साल बाद होने वाले 2019 लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी के लिए परीक्षा सरीखा है। 2014 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर BJP को जीत मिली थी। 2 महीनों से कांग्रेस और AAP गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे, पर बात नहीं बनी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, 'कांग्रेस-AAP का गठबंधन BJP के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकता था, लेकिन ऐसा न होने से BJP को वोटिंग में बड़ा फायदा होगा और जीत के उसके चांस बढ़ जाएंगे।'
via WORLD NEWS
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