चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने न्यायपालिका संस्थानों के समर्थन में खड़े होने की बात की है। अपने ब्लॉग में अरुण जेटली ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व जूनियर महिला कर्मचारी ने CJI के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है इस मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस तरह के मामले की जांच एक उचित कमेटी को दी जाती है। हालांकि इस मामले में शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के दूसरे न्यायधीशों को दस्तावेज पेश किए हैं और मीडिया इस मामले को और भी बढ़ा चढ़ा कर प्रकाशित कर रहा हो तो ये मामला संवेदनशील हो जाता है। जब चार डिजिटल मीडिया पब्लिकेशन ने एक ही प्रकार के सवाल सीजेआई को पूछे इससे ये पता चलता है कि ये मामला कुछ और ही है। भारत को हमेशा से अपनी स्वतंत्र न्यायपालिका पर गर्व रहा है। हमारे जज ना सिर्फ आम नागरिक के लिए निष्पक्ष फैसला करते हैं बल्कि शक्तिशाली नेताओं और बिजनेसमैन के मामले में निष्पक्ष न्याय करते हैं। एक जज एक पब्लिक फेस नहीं होता है, वह केवल और केवल न्याय, कानून और निष्पक्षता के प्रति उत्तरदायी होता है। एक फैसला हमें कभी-कभी खुशी भी दे जाता है तो कभी भी निराश भी करता है लेकिन वह पूरी तरह से एक निष्पक्ष फैसला होता है और ये ही सच्चाई है।'
via WORLD NEWS
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