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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Tuesday, April 30, 2019

भारत के पूर्वी तट पर ज्यादा तबाही मचाते हैं तूफ़ान, जानें क्यों


तूफान 'फनी' तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के करीब पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने आशंका व्यक्त की है कि यह तूफान तीव्र हो सकता है और ज्यादा तबाही मचा सकता है। पिछले साल भी तूफान गाजा ने तमिलनाडु के तटों पर तबाही मचाई थी। 20 लोगों ने जान गवां दी थी और काफी नुकसान भी हुआ था। इतिहास के 35 सबसे घातक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात में से 26 चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आए हैं। भारत में तूफानों से ओडिशा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। 1891 से 2002 के बीच ओडिशा में 98 तूफान आए। हालांकि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मौत हुई हैं। बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आते हैं। इसका कारण हवा का बहाव है। इससे पश्चिमी ओर का सागर ठंडा रहता है। ठंडे सागर में कम तूफान आते हैं। पश्चिमी तट पर बनने वाले ज्यादातर तूफान भी ओमान की ओर मुड़ जाते हैं। इसलिए यह भारतीय तटों की ओर नहीं बढ़ पाते हैं। पूर्वी तट पर बने तूफान ज्यादा ताकतवर होते हैं। वहीं पूर्वी तटों से लगने वाले राज्यों की भूमि भी ज्यादा समतल है, इसलिए यह तूफानों को मोड़ भी नहीं पाती है। जबकि पश्चिमी तट के तूफान मुड़ जाते हैं। तूफान का वर्गीकरण कम दबाव के क्षेत्र में हवा की रफ्तार से होता है। 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले तूफान को उष्म कटिबंधीय तूफान कहते हैं। यह तीव्र तूफान में बदल जाता है अगर हवा की रफ्तार 89 से 118 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। तूफान बेहद तीव्र हो जाता है अगर हवा 119 से 221 के बीच होती है। इससे तेज रफ्तार वाले तूफान सुपर उष्ण कटिबंधीय चक्रवात कहते हैं।


via WORLD NEWS

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