एक अंग्रेजी दैनिक में छपे रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि रक्षामंत्रालय के एक अधिकारी ने राफेल सौदे की बातचीत के दौरान पीएमओ के कथित हस्तक्षेप का विरोध किया था। रिपोर्ट में इस संबंध में एक दस्तावेज भी छापा गया था। लेकिन बाद में पता चला कि दस्तावेज में तात्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का जवाब भी था जिसे प्रकाशित नहीं किया गया था। इस मामले पर बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि अखबार को मनोहर पर्रिकर का जवाब भी छापना चाहिए था।
via WORLD NEWS
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