जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र के शीर्ष विधि अधिकारी यूपी सरकार की ओर से मामले को जल्दी सुलझाने के लिए कोर्ट पर दबाव बनाने की कोशिश कर सकते हैं। सरकार की ओर से यह तर्क दिया जा सकता है कि यह विवाद शीर्ष अदालत में साल 2010 से चला आ रहा है, और फैसले में देरी सभी पक्षों के लिए अनुचित है और दोनों समुदायों के बीच सौहार्द के लिए प्रतिकूल असर डाल सकता है। सरकार का मानना है कि जनवरी में होने वाली सुनवाई मामले पर 2019 के चुनावों से पहले फैसला पाने का अंतिम मौका हो सकता है।
via WORLD NEWS
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