लोकसभा में बुधवार को सरोगेसी (नियामक) विधेयक, 2016 ध्वनिमत से पारित हो गया। यह विधेयक सरोगेसी (किराए की कोख) के प्रभावी नियमन को सुनिश्चित करेगा, व्यावसायिक सरोगेसी को प्रतिबंधित करेगा और बांझपन से जूझ रहे भारतीय दंपतियों की जरूरतों के लिए सरोगेसी की इजाजत देगा। यानी सरोगेसी अब व्यवसाय नहीं हो सकेगा बल्कि परोपकार का साधन ही रहेगा। एक महिला अपनी लाइफ साइकल में केवल एक बार किसी के लिए सरोगेसी कर सकेगी।
via WORLD NEWS
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