
विधानसभा चुनावों में कृषि ऋण माफी जैसे एक अनिवार्य घोषणा बन गई है। राजनीतिक दल बिना सोचे-समझे ऐसी घोषणाएं किए जा रहे हैं। इसे लागू करने वाले राज्यों की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रतिकूल असर के बावजूद वे सबक नहीं ले रहे हैं। कृषि ऋण माफी किसानों का संकट दूर करने में बिल्कुल भी कारगर साबित नहीं हुआ है via WORLD NEWS The Navbharattimes
 
 
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