जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शुक्रवार को चिंता जाहिर करते हुए यह मांग की कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों को विशेष रूप से दंडित करने के लिए एक अलग कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के विरुद्ध घटनाएं बढ़ी जा रही हैं।
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