न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘न्यायाधीशों के सामने कई तरह के विचार हैं कि अगर अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दें तो क्या होगा? क्या लोग हमारा आकलन करना शुरू कर देंगे? या अगर हम अदालती कार्यवाही को ‘लाइव स्ट्रीम’ करते हैं तो समुदाय का सम्मान खो सकते हैं।’
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