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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, February 20, 2022

'जाकिर नाइक से हमदर्दी, मौत पर बोली जाने वाली लाइन ल‍िख सांसद का विरोध...' कौन हैं जफरुल इस्लाम खान?

नई दिल्‍ली: जामिया मिलिया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) के अंजुमन (सभा या कोर्ट) में राज्‍यसभा सदस्‍य राकेश सिन्‍हा (Rakesh Sinha) को शामिल किए जाने से एक शख्‍स को बहुत ज्‍यादा दुख हुआ है। इनका नाम है जफरुल इस्लाम खान (Zafarul-Islam Khan)। जफरुल इस्‍लाम दिल्‍ली अल्‍पसंख्‍यक आयोग के अध्‍यक्ष रह चुके हैं। उनके अफसोस का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्‍होंने सिन्‍हा की नियुक्ति का विरोध उन लाइनों को लिख किया है जो मुस्लिम समुदाय के लोग इंसान की मौत पर बोलते हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब जफरुल इस्‍लाम खान का मजहबी चेहरा सामने आया है। वो पहले भी ऐसी करतूत कर चुके हैं। शुरुआत सबसे ताजा मामले से करते हैं। जामिया यूनिवर्सिटी के अंजुमन में सदस्‍य के तौर पर राकेश सिन्‍हा की नियुक्‍ति पर जफरुल इस्‍लाम खान ने घोर निराशा जताई। इसका कारण सिन्‍हा का राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) के साथ जुड़ाव है। सिन्‍हा को संघ विचारक के तौर पर जाना जाता है। उनकी नियुक्ति 11 फरवरी को हुई थी। खान ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'संघी विचारक को जामिया मिलिया अंजुमन का सदस्‍य बनाया गया है। इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन।' 'इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन' का मतलब होता है कि 'हम अल्लाह के हैं और हमें अल्लाह के पास ही जाना है'। मुस्लिम ये लाइनें उस वक्‍त बोलते हैं जब किसी शख्‍स की मौत हो जाती है या वो कुछ बहुत महत्‍वपूर्ण चीज खो देते हैं। इन लाइनों से उनका क्‍या मतलब था यह अब तक साफ नहीं हुआ है। क्या उनका मतलब था कि जामिया मिलिया अंजुमन अब नहीं रह जाएगी या फिर वो सिन्हा के गुजर जाने की कामना करते हैं। कौन हैं जफरुल इस्‍लाम खान? जफरुल इस्‍लाम ऑनलाइल इस्‍लामिक पब्लिकेशन मिली गैजेट के संस्‍थापक हैं। इसे कट्टरपंथी विचारधारा के साथ जोड़ा जाता है। पिछले साल नवंबर में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने वाले स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के बचाव में मिली गैजेट ने गोधरा ट्रेन हिंसा का समर्थन तक किया था। जफरुल इस्‍लाम खान जब दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन थे तो उनका एक पोस्ट काफी विवादों में आया था। इसमें उन्‍होंने दावा किया था कि मुसलमानों पर भारत में अत्याचार हो रहा है और अरब देश इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अगर भारतीय मुसलमानों ने उनसे (अरब देशों) शिकायत कर दी तो भारत में सैलाब आ सकता है। विवाद के बाद जफरुल इस्‍लाम ने सफाई दी थी। उन्‍होंने कहा था कि उन्‍होंने किसी भी विदेशी मुल्‍क या संस्‍था से भारत की शिकायत नहीं की है। न ही भविष्‍य में वो ऐसी कोई मंशा रखते हैं। उन्‍होंने कहा था कि वो एक देशभक्‍त हैं और विदेश में हमेशा अपने देश के पक्ष में बोलते हैं। जाकिर नाइक को बताया था हीरो जफरुल इस्‍लाम खान ने इसी पोस्‍ट में भगोड़े जाकिर नाइक को हीरो की तरह पेश किया था। उन्‍होंने पोस्ट में लिखा था कि कट्टर लोग यह भूल गए कि अरब देश भारतीय मुसलमानों को प्यार करते हैं क्योंकि उन्होंने सालों से इस्लाम की सेवा की है। आगे उन्होंने जाकिर नाइक समेत अन्य लोगों के नाम लिखे थे और कहा था कि सभी भारत से हैं और अरब और मुस्लिम देशों में उनकी बड़ी इज्जत है। जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। जफरुल इस्लाम ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि सीएए दंगों के आरोपियों को वह प्रताड़ित कर रही है।

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