Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Tuesday, January 11, 2022

घर बनाने के लिए ससुराल वालों से पैसे मांगना 'दहेज की मांग' है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्‍ली उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दहेज मृत्यु के एक मामले में एक व्यक्ति और उसके पिता की दोषसिद्धि और सजा बहाल करते हुए कहा कि मकान बनाने के लिए धनराशि की मांग करना 'दहेज की मांग' है जोकि भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी के तहत अपराध है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि दहेज की मांग की सामाजिक बुराई से निपटने के लिए आईपीसी में धारा 304-बी का प्रावधान किया गया था जोकि खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। पीठ ने कहा, 'प्रावधान (दहेज अधिनियम) के आलोक में, जो 'दहेज' शब्द को परिभाषित करता है और किसी भी प्रकार की संपत्ति या मूल्यवान वस्तु को अपने दायरे में लेता है। हमारी राय में, उच्च न्यायालय ने यह फैसला देते हुए एक त्रुटि की कि मकान के निर्माण के लिए मांगे गए पैसे को दहेज की मांग नहीं माना जा सकता।' शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने एक महिला द्वारा अपने ससुराल में आत्महत्या किये जाने को लेकर उसके पति और ससुर की आईपीसी की धारा 304-बी और धारा 306 के तहत दोषसिद्धि और सजा के फैसले को खारिज कर दिया था।

No comments:

Post a Comment