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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, December 29, 2021

समाचारों के साथ विचारों को मिलाना ‘खतरनाक कॉकटेल’, चीफ जस्टिस एन वी रमना का बयान

मुंबई, नई दिल्ली भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने बुधवार को कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र केवल निडर और स्वतंत्र प्रेस के साथ ही आगे बढ़ सकता है, लेकिन ‘समाचारों के साथ विचारों का मिश्रण खतरनाक कॉकेटल’ है। प्रधान न्यायाधीश ने खबरों में वैचारिक पूर्वाग्रहों को मिलाने की प्रवृत्ति के प्रति भी पत्रकारों को आगाह किया और कहा कि तथ्यात्मक खबरों में व्याख्या और रायशुमारी से बचना चाहिए। मुंबई के कार्यक्रम में बोले सीजीआई उन्होंने कहा, ‘आजकल रिपोर्टिंग में मैं एक और चलन देख रहा हूं कि खबर में वैचारिक रुझान और पूर्वाग्रह आ जाता है। खबरों में विचारों का मिश्रण खतरनाक कॉकेटल है।’ प्रधान न्यायाधीश मुंबई प्रेस क्लब द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित ‘रेड इंक्स अवॉर्ड’ समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने सभी विजेताओं को सम्मानित करते हुए इस बात पर रोशनी डाली कि मजबूत लोकतंत्र के लिए पत्रकारिता और सच्चे रिपोर्ताज कितने जरूरी हैं, वहीं उन्होंने खबरों को ‘एक तरह का रंग’ दिये जाने की आलोचना की। प्रेस को न्यायपालिका में विश्वास प्रकट करना चाहिए उन्होंने कहा, ‘एक तरह से पत्रकार न्यायाधीशों की तरह होते हैं। आपको अपनी विचारधारा और आस्था से परे बिना किसी से प्रभावित हुए काम करना चाहिए। आपको केवल तथ्यों को बताना चाहिए और पूरी एवं सच्ची तस्वीर पेश करनी चाहिए।’ न्यायमूर्ति रमण ने अदालत के फैसलों की खासतौर पर सोशल मीडिया पर व्याख्या किये जाने और न्यायपालिका पर हमलों की बढ़ती प्रवृत्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रेस को न्यायपालिका में विश्वास प्रकट करना चाहिए। न्यायपालिका को बचाना उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र के अहम हितधारक के रूप में मीडिया का कर्तव्य न्यायपालिका को बुरी ताकतों के हमलों से बचाना है।’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मिशन लोकतंत्र में और राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने में हम साथ हैं। हमें साथ चलना होगा।’

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