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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, October 3, 2021

स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए वैक्‍सीनेशन का इंतजार करने की जरूरत नहीं, वर्ल्‍ड बैंक ने बताए कारण

नई दिल्ली वर्ल्‍ड बैंक ने स्‍कूलों को दोबारा खोलने के संबंध में अहम बात कही है। उसके अनुसार, सबूत संकेत देते हैं कि कोरोना से बच्चों के कम संक्रमित होने की आशंका है। एजुकेशन सिस्‍टम को ऑफलाइन स्कूल व्यवस्था में लौटने के लिए व्‍यापक करने की जरूरत नहीं है। वैक्‍सीन के विकास से पहले भी अलग-अलग देशों में ‘सुरक्षित’ तरीके से स्कूलों को खोलने के अनुभव भी यही दिखाते हैं। नए पॉलिसी नोट में विश्व बैंक की शिक्षा टीम ने दुनिया के विभिन्न देशों के अनुभवों को हाईलाइट किया है जहां पर स्कूल पर्याप्त एहतियाती रणनीति के तहत खोले गए। संकेत मिला कि स्कूलों में विद्यार्थियों, कर्मचारियों और समुदाय में संक्रमण फैलने का खतरा कम है। टीम ने रेखांकित किया कि महामारी के करीब एक साल बाद हम और बेहतर तरीके से वायरस और बीमारी को जानते हैं। यह भी जानते हैं कि संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसे स्वास्थ्य प्राधिकारियों ने भी ‘अंतिम विकल्प’ के तौर पर स्कूलों को बंद करने की अनुशंसा की है। वर्ल्‍ड बैंक ने कहा, ‘उपलब्ध सबूतों से संकेत मिलता है कि बच्चों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बहुत कम है। उनकी सेहत पर गंभीर असर होने और मौत की आशंका कम है। उनसे दूसरों को संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हैं। स्कूल के भीतर संक्रमण की दर कम है। खासतौर पर प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक स्कूलों में। हालांकि, कर्मचारियों को दूसरे कर्मचारियों से संक्रमित होने का खतरा अधिक है न कि बच्चों से संक्रमित होने का।’ विश्व बैंक ने कहा, ‘टीके के विकास से पहले जब सामुदायिक स्तर पर संक्रमण की ऊंची दर थी तब सुरक्षित तरीके से स्कूलों को खोलने के देशों के अनुभव दिखाते हैं कि बड़े पैमाने पर स्कूल में कार्यरत कर्मियों और समुदाय के अन्य वयस्कों का टीकाकरण होने तक शिक्षा प्रणाली को बंद रखने की जरूरत नहीं है। हालांकि, स्कूल कर्मियों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने से स्कूलों में आने वाले बच्चों व अन्य के डर को कम किया जा सकता है।’ विश्व बैंक ने रेखांकित किया कि स्कूलों को बंद रखने से वहां से संक्रमण फैलने के खतरे को खत्म तो किया जा सकता है, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई, उनके मानसिक स्वास्थ्य और पूर्ण विकास पर असर पड़ता है।

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