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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, September 15, 2021

संसद टीवी लॉन्च, PM मोदी बोले- संसदीय व्यवस्था में आज एक और अहम अध्याय जुड़ा

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में सिर्फ राजनीति नहीं होती है, बल्कि नीति भी होती हैं। साथ ही उन्होंने कंटेंट (विषय वस्तु) को ‘कनेक्ट’ (संपर्क) करार दिया और कहा कि यह बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है। प्रधानमंत्री ने लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी को मिलाकर बनाए गए ‘संसद टीवी’ की शुरुआत के मौके पर यह बात कही। उन्होंने उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ संयुक्त रूप से संसद टीवी की शुरुआत की। अपने अनुभव का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया जगत में आम तौर पर कंटेट सर्वोपरि होता है लेकिन उनके मुताबिक 'कन्टेंट इज़ कनेक्ट।' उन्होंने कहा, ‘यानी, जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं। ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है! क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है। वास्तव में पॉलिसी है।’ संसद टीवी की शुरुआत को भारतीय संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है, जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनलों की भूमिका भी बहुत तेजी से बदल रही है तथा 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में स्वाभाविक हो जाता है कि संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को बदलें। मुझे खुशी है कि संसद टीवी के तौर पर आज एक नई शुरुआत हो रही है। अपने नए अवतार में यह सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी रहेगा। इसका अपना एक एप भी होगा।’ अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोकतंत्र की बात होती है तो भारत की जिम्मेदारी कहीं ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है बल्कि एक विचार है। भारत में लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक ढांचा ही नहीं है बल्कि एक भावना है। भारत में लोकतंत्र संविधान की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, यह तो हमारी जीवनधारा है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के दिन संसद टीवी का लॉन्च होना अपने आप में बहुत प्रासंगिक हो जाता है।’ इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने संसद और विधानसभाओं में लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सार्थक चर्चा पर बल देते हुए कहा कि शोरगुल और व्यवधान में जनता की आवाज नहीं दबनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चर्चाओं में चिंताओं का विवरण, आशंकाओं का निवारण और विषयों की गहरी जानकारी परिलक्षित होनी चाहिए। नायडू ने कहा कि विधायिकाओं में चर्चा से समस्याओं का समाधान निकलता है लेकिन व्यवधान सामूहिक ऊर्जा की बर्बादी करता है और ‘नये भारत’ के निर्माण के काम को प्रभावित करता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत में मीडिया, खासकर टेलीविजन का विस्तार अद्भुत रहा है। नायडू ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के तेज विस्तार ने वास्तविक समय (रियल टाइम) में संवाद और सूचनाओं के आदान प्रदान में एक और आयाम जोड़ा है। उन्होंने अपनी भावना प्रकट करते हुए कहा कि तेजी से और सबसे पहले खबर चलाने की मजबूरी में अक्सर अन्य पहलुओं की उपेक्षा हो जाती है और इस वजह से लोगों को ‘फर्जी खबरों’ और ‘सनसनीपरकता’ की चुनौती का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सच्चाई को झूठ से अलग करना वास्तविक चुनौती बन गया है। उल्लेखनीय है कि फरवरी, 2021 में लोकसभा टीवी एवं राज्यसभा टीवी के विलय का निर्णय लिया गया था और मार्च, 2021 में संसद टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की नियुक्ति की गई।

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