Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, August 22, 2021

'मछली बाजार' बन गया है काबुल एयरपोर्ट, बचाव अभियान में लगे हैं भारतीय अधिकारी, चरमराई व्‍यवस्‍था से कॉर्डिनेशन हुआ मुश्किल

नई दिल्लीअफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे के बाद हर कोई जल्‍दी से जल्‍दी वहां से निकलना चाहता है। इस कारण पर बहुत ज्‍यादा भीड़ है। स्थिति 'मछली बाजार' जैसी हो गई है। हर जगह अफरातफरी है। पहले ही अफगानिस्‍तान से भाग निकलने की होड़ में कई लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, भारतीय अधिकारियों का एक छोटा समूह काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लोगों को भारत पहुंचाने के अभियान में कॉर्डिनेशन में जुटा हुआ है। हवाई अड्डे पर बहुत ज्‍यादा अव्यवस्था है। इससे हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। सूत्रों ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मल्‍टी-एजेंसी समूह हवाई अड्डे पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे अमेरिकी अधिकारियों के साथ-साथ अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। अफगानिस्तान की राजधानी में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत ने मंगलवार तक भारतीय वायुसेना के दो सी-17 परिवहन विमानों में भारतीय दूत और काबुल में अपने दूतावास के अन्य कर्मचारियों सहित 200 लोगों को निकाला। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि काबुल हवाई अड्डे पर मल्‍टी-एजेंसी टीम को कब तैनात किया गया था। पिछले सोमवार को विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को वापस लाने के अभियान का समन्वय करने और संबंधित मामलों से निपटने के लिए एक विशेष अफगानिस्तान सेल का गठन किया था। सूत्रों ने कहा कि विशेष सेल को 2,000 से अधिक फोन कॉल मिले और इसके संचालन के पहले पांच दिनों के दौरान व्‍हॉट्सऐप पर 6,000 से अधिक सवालों का उत्तर दिया गया। इस अवधि के दौरान 1,200 से अधिक ई-मेल का जवाब दिया गया। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर भारत तीन उड़ानों के जरिये दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया। दरअसल, हवाई अड्डे के अंदर अमेरिकी सैनिक हैं। इन्‍होंने एयरपोर्ट पर से कब्‍जा नहीं छोड़ा है। लेकिन, एयरपोर्ट के बाहर तालिबानी हैं। वहां से भारतीयों को कब, कैसे और कहां पर पहुंचना है जिससे उन्हें एयरलिफ्ट किया जा सके, यह संदेश पहुंचाना और कॉर्डिनेशन करना बहुत बड़ी चुनौती है। अधिकारियों को कई स्‍तर पर कॉर्डिनेशन करना है।

No comments:

Post a Comment