जयपुर। राजस्थान में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 1 सितंबर से खुलेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा कर दी है। ट्विटर पर स्कूल खोलने को लेकर जानकारी देते हुए गहलोत ने दिशा निर्देश भी साझा किए हैं। इनके तहत स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं, कॉलेज , यूनिवर्सिटीज और कोचिंग संस्थानों में अब 1 सितंबर से नियमित कक्षाएं शुरू हो सकेंगी। गहलोत ने बताया कि, मंत्री समूह की ओर से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन गतिविधियां शुरू करने के लिए की गई सिफारिशों का अनुमोदन कर दिया है। गृह विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों में कक्षाएं केवल 50% उपस्थिति क्षमता के साथ चल सकेंगी। कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु निर्धारित प्रोटोकॉल व समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की सभी शैक्षणिक परिसरों में सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षण संस्थानों में कक्षाओं का संचालन की गाइडलाइन• राज्य के सरकारी/निजी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालयों (कक्षा 9वीं से 12वीं तक) की नियमित शिक्षण गतिविधियों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 1 सितम्बर से प्रारम्भ किया जा सकेगा। • विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालय के शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ एवं संस्थान के लिए आवागमन हेतु संचालित बस, ऑटो एवं कैब के चालक इत्यादि को 14 दिन पूर्व वैक्सीन की कम-से-कम एक खुराक अनिवार्य रूप से लेनी होगी। • प्रदेश के समस्त कोचिंग संस्थान अपने शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ के वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके होने की अनिवार्यता की शर्त के साथ 1 सितम्बर से बैठक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो सकेंगे। साथ ही, संबंधित संस्थान द्वारा e-intimation के माध्यम से ऑनलाइन पोर्टल https://ift.tt/2XKXTWp पर संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या, बैठक क्षमता एवं कुल स्टाफ/कार्मिकों/विद्यार्थियों के प्रतिशत वैक्सीनेशन की सूचना अपलोड करनी होगी। • शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ/विद्यार्थियों के आवागमन हेतु संचालित स्कूल बस/ऑटो/कैब इत्यादि वाहन की बैठक क्षमता के अनुसार ही अनुमत होंगे। • नियमित कक्षाओं के अध्ययन के लिये छात्रों की बैठक व्यवस्था एक सीट छोड़कर इस प्रकार की जायेगी कि प्रत्येक कक्ष में छात्रों की उपस्थिति कक्ष की क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। • ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग अध्यापन को वरीयता और प्रोत्साहन दिया जाएगा। • विद्यालयों में कक्षा 1 से 8वीं तक की नियमित शिक्षण गतिविधियां आगामी आदेश तक केवल ऑनलाइन माध्यम से संचालित रहेंगी।
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