नई दिल्ली तेलंगाना का हुआ है। इसे यूनेस्को की में जगह मिली है। इस मंदिर को के नाम से भी जाना जाता है। यह 800 साल पुराना है। इस उपलब्धि पर ने देश को बधाई दी है। इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'शानदार! सभी देसवासियों खासकर तेलंगाना की जनता को बधाई। प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतीय वंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। मैं आप सभी से इस राजसी मंदिर परिसर की यात्रा और इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं।' UNESCO ने रविवार को ट्वीट किया, 'यूनेस्का वर्ल्ड हेरिटेज साइट में काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर को शामिल किया गया है। बेहतरीन!' तेलंगानाग के मंत्री केटी रामा राव ने भी इसे लेकर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट किया, 'आप सभी के साथ अच्छी खबर शेयर कर रहा हूं। तेलंगाना के 800 साल पुराने को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इस प्रयास में शामिल सभी लोगों को मैं बधाई देता हूं।' राव ने अपने ट्वीट में बताया कि यह मंदिर तेलंगाना से पहला वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। अगला लक्ष्य राजधानी हैदराबाद के लिए वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा पाना है। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी सभी भारतीयों को इसे लेकर बधाई दी। उन्होंने इसके लिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के प्रयासों की भी सराहना की। क्या है मंदिर की खूबी? यह मंदिर वारंगल से 77 किमी पर स्थित है। काकतीय वंश के दौरान इसका निर्माण हुआ था। राजा रुद्र देव ने इसे बनावाया था। इसके शिल्पकार थे रामप्पा। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया। यह पूरब की दिशा में बना है। काकतीय वंश के दौरान जब मार्को पोलो भारत आए थे तो उन्होंने इसे तमाम मंदिरों में सबसे चमकता तारा कहा था। इस मंदिर में शिव, श्री हरि और सूर्य देवता की मूर्तिया स्थापित हैं। इस मंदिर का विशाल प्रवेश द्वार, हजार खंभे और मनमोहक नक्काशी आकर्षण का केंद्र हैं।
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