Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, July 4, 2021

संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान, 22 जुलाई से संसद का घेराव, विपक्ष को भी दी चेतावनी

नई दिल्लीसंयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को ऐलान किया कि मॉनसून सत्र के दौरान संसद के सामने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ रोज करीब 200 किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा। मोर्चा ने विपक्षी सांसदों को भी चेतावनी दी है कि सदन के भीतर या तो हमारी आवाज उठाइए या फिर इस्तीफा दे दें। उससे पहले 8 जुलाई को पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन होगा। विपक्षी सांसदों को चेतावनी कृषि कानूनों के विरोध में 40 से ज्यादा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एसकेएम ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मॉनसून सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन के अंदर कानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को एक ‘चेतावनी पत्र’ दिया जाएगा। 'संसद में हमारे मुद्दे उठाएं विपक्षी सांसद या फिर इस्तीफा दें' किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘हम विपक्षी सांसदों से भी सदन के अंदर हर दिन इस मुद्दे को उठाने के लिए कहेंगे, जबकि हम विरोध में बाहर बैठेंगे। हम उनसे कहेंगे कि संसद का बर्हिगमन कर केंद्र को लाभ न पहुंचाएं। जब तक सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं करती तब तक सत्र को नहीं चलने दें।’ 19 जुलाई से शुरू हो रहा मॉनसून सत्र संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। राजेवाल ने कहा, ‘जब तक वे हमारी मांगें नहीं सुनेंगे, हम संसद के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान संगठन के 5 लोगों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए ले जाया जाएगा। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की बढ़ी कीमतों के खिलाफ 8 जुलाई को देशभर में प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा ने पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध का भी आह्वान किया। मोर्चा ने लोगों से राज्य के और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाहर आने और अपनी गाड़ियों को वहां लगाने को कहा। मोर्चा की लोगों से अपील- 8 जुलाई को सड़कों पर पार्क करें गाड़ियां उन्होंने कहा, ‘आपके पास जो भी वाहन हैं, ट्रैक्टर, ट्रॉली, कार, स्कूटर, बस उसे निकटतम राज्य या राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाएं और वहां पार्क करें। लेकिन ट्रैफिक जाम न लगाएं।’ उन्होंने विरोध में एलपीजी सिलेंडर लाने को भी कहा। '7-8 जुलाई की रात 12 बजे 8 मिनट तक बजाएंगे गाड़ियों के हॉर्न' किसान नेता ने लोगों से रात 12 बजे आठ मिनट के लिए ‘‘अपने वाहनों का हॉर्न बजाने’’ की भी अपील की। उन्होंने विरोध में एलपीजी सिलेंडर लाने को भी कहा। किसान नेता ने कहा, ‘मैं सभी महिलाओं से अपने गैस सिलेंडर को सड़कों पर लाने और विरोध का हिस्सा बनने का आह्वान करता हूं।’ 'शर्तों के साथ सरकार से बात नहीं होगी' कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हालिया बयान के बारे में एक सवाल के जवाब में राजेवाल ने कहा कि किसान ‘शर्तों के साथ बात नहीं करेंगे।’ कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। राजेवाल ने कहा, ‘नेता शर्तों के साथ कृषि कानूनों के बारे में बात करना चाहते हैं, हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन तभी जब वे कानूनों को निरस्त करने के लिए सहमत हों।’ तोमर ने एक जुलाई को जोर देकर कहा था कि केंद्र के तीनों कृषि कानून किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे और यह स्पष्ट किया कि सरकार इन कानूनों को निरस्त करने की मांग को छोड़कर विरोध करने वाले किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।

No comments:

Post a Comment