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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Monday, June 14, 2021

SC में केंद्र का जवाब, गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से आवेदन मांगने वाली अधिसूचना का CAA से वास्‍ता नहीं

नई दिल्ली ने में 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिमों को के लिए आवेदन मंगाने संबंधी अध‍िसूचना को लेकर जवाब दाखिल किया है। उसने कहा है कि इस संबंध में जारी अधिसूचना का संशोधित नागरिकता कानून, 2019 (सीएए) से कोई संबंधित नहीं है। केंद्र सरकार ने गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों जैसे गैर-मुस्लिमों से हाल में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाए थे। ये अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हैं। इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि यह (अधिसूचना) 'केंद्र सरकार के पास निहित शक्ति स्थानीय अधिकारियों को सौंपने की प्रकिया मात्र' है। गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2004, 2005, 206, 2016 और 2018 में भी इसी तरह का अधिकार दिया था और विभिन्न विदेशी नागरिकों के बीच उस पात्रता मानदंड के संबंध में कोई छूट नहीं दी गई है जो नागरिकता कानून 1955 और उसके तहत बनाए गए नियमों में निर्धारित है। गृह मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि 28 मई, 2021 की अधिसूचना सीएए से संबंधित नहीं है, जिसे कानून में धारा 6बी के रूप में शामिल किया गया है। यह सिर्फ केंद्र सरकार के अधिकार स्थानीय अधिकारियों को सौंपने के लिए है। हलफनामे में कहा गया है कि यह 'और अधिक जिलों के जिलाधिकारियों तथा अधिक राज्यों के गृह सचिवों को नागरिकता प्रदान करने के लिए शक्ति दिए जाने के संबंध में है।' गृह मंत्रालय ने कहा कि उक्त अधिसूचना में विदेशियों को कोई छूट नहीं दी गई है और केवल उन विदेशी लोगों पर लागू होती है जिन्होंने कानूनी रूप से देश में प्रवेश किया है। यह हलफनामा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है। इसमें कहा गया है कि 28 मई, 2021 की अधिसूचना ऐसे विदेशियों के नागरिकता आवेदनों के शीघ्र निपटारे के लिए विकेंद्रीकरण की एक प्रक्रिया है क्योंकि अब प्रत्येक मामले की जांच के बाद निर्णय जिला या राज्य स्तर पर ही लिया जाएगा। आईयूएमएल ने एक जून को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी थी। याचिका में दलील दी गई थी कि सीएए के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली आईयूएमएल की ओर से दायर लंबित याचिका में केंद्र न्यायालय को दिए गए आश्वासन को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है।

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