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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, June 5, 2021

'घर-घर राशन' विवाद पर दिल्ली सरकार से बोला केंद्र, हमने तो बस नियम बताए

नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी में 72 लाख राशन कार्ड धारकों को फायदा पहुंचाने वाली उसकी महत्वाकांक्षी राशन योजना को ‘रोक दिया’ और उसने इस कदम को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया। हालांकि, इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि उपराज्यपाल ने प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है जैसा दिल्ली सरकार की तरफ से जताया जा रहा है। वहीं, केंद्र सरकार ने भी कहा है कि उसने दिल्ली सरकार को सिर्फ नियमों के बारे में बताया है, वह जैसे चाहे राशन बांटे। एलजी ने अभी प्रस्ताव खारिज नहीं किया, सिर्फ फाइल लौटाई: सूत्र सूत्रों ने कहा, ‘निजी विक्रेताओं के माध्यम से लागू की जाने वाली योजना की अधिसूचना से संबंधित फाइल को उपराज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए मुख्यमंत्री को लौटा दिया है।’ सीएम दफ्तर का आरोप- एलजी का फैसला राजनीति प्रेरित मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में योजना शुरू करने के लिए तैयार थी। सीएमओ ने एक बयान में दावा किया कि उपराज्यपाल ने दो जून को यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि योजना को लागू नहीं किया जा सकता है। उसने कहा, ‘उपराज्यपाल ने दो कारणों का हवाला देते हुए राशन को घर-घर तक पहुंचाने संबंधी योजना के कार्यान्वयन के लिए फाइल को खारिज कर दिया है - एक तो केंद्र ने अभी तक योजना को मंजूरी नहीं दी है और दूसरा अदालत में मामला चल रहा है।’ केंद्र बोला- दिल्ली के लिए अतिरिक्त राशन को भी मंजूरी देने को तैयार केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को उसके मनचाहे तरीके से राशन बांटने को मना नहीं किया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार तो दिल्ली के लिए अतिरिक्त राशन को मंजूरी देने के लिए भी तैयार है। सरकार ने उन्हें सिर्फ नियम क्या कहते हैं, उसकी जानकारी दी है। दिल्ली सरकार के मंत्री बोले- योजना शुरू करने के लिए कोई मंजूरी जरूरी नहीं दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने हालांकि दावा किया कि कानून के मुताबिक इस तरह की योजना शुरू करने के लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है। हुसैन ने आरोप लगाया, ‘दिल्ली सरकार द्वारा 2018 से केंद्र को छह से अधिक पत्र भेजे गए थे जिसमें उन्हें योजना के बारे में सूचित किया गया था। एक अदालती मामले का हवाला देते हुए, इस तरह की क्रांतिकारी योजना को रोका जाना यह स्पष्ट करता है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है।’ सीएम दफ्तर का दावा- एलजी ने खारिज की योजना सीएमओ ने बयान में कहा कि दिल्ली सरकार एक से दो दिनों के भीतर राशन योजना शुरू करने के लिए तैयार थी, जिससे 72 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ होगा। उसने दावा किया कि केंद्र के सभी सुझावों को स्वीकार करने के बाद, दिल्ली सरकार ने 24 मई को उपराज्यपाल को अंतिम मंजूरी और योजना को तत्काल लागू करने के लिए फाइल भेजी थी, जिसे उन्होंने योजना को ‘खारिज’ करते हुए वापस कर दिया। एलजी ने पुनर्विचार के लिए फाइल लौटाई: सूत्र इससे पहले, ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना’ को केंद्र की तरफ से उठाई गई आपत्ति पर दिल्ली सरकार ने वापस ले लिया था। हालांकि एक सूत्र ने दावा किया कि उपराज्यपाल ने प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है। उसने कहा, ‘जिस तरह 20 मार्च, 2018 को सलाह दी गई थी उसी तरह फिर से यह सलाह दी गई है कि चूंकि प्रस्ताव वितरण के तरीके को बदलने का प्रयास करता है, इसलिए इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 12 (2) (एच) के अनुसार अनिवार्य रूप से केंद्र की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होगी।’ अदालत में भी लंबित है मामला सूत्र ने बताया कि साथ ही दिल्ली सरकार राशन डीलर्स संघ की ओर से दिल्ली सरकार द्वारा घर-घर राशन पहुंचाने की प्रस्तावित व्यवस्था को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। केंद्र 20 अगस्त को होने वाली सुनवाई के लिए निर्धारित याचिका का एक पक्ष है। इस योजना के तहत, हर लाभार्थी को चार किलोग्राम आटा और एक किलोग्राम चावल पैक कर उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा।

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