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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Tuesday, March 23, 2021

परमबीर सिंह की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, महाराष्ट्र में जारी सियासी तनाव

नई दिल्ली मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 'लेटरबम' के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उठा सियासी तूफान अभी शांत नहीं हुआ है। इस बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। अनिल देशमुख के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र CBI जांच की मांग करने वाली परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ करेगी। परमबीर सिंह की याचिका में इन बातों का जिक्र परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से उनके तबादले को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है। परमबीर सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख की मुलाकात इस पूरे सियासी घमासान के बीच ने मंगलवार को सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं की बैठक में पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई। दरअसल, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उस चिट्ठी का जिक्र किया था, जो राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की अफसर रश्मि शुक्ला की ओर से लिखी गई थी। इसी चिट्ठी में रश्मि ने पुलिस के कुछ बड़े अफसरों और अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया, सबूत के तौर पर कुछ फोन रिकॉर्डिंग होने की बात भी कही गई थी। अनिल देशमुख पर क्या हैं आरोप? आपको बता दें कि परमबीर सिंह ने एक लेटर के जरिए आरोप लगाया है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद 17 मार्च को महाराष्ट्र सरकार की एक अधिसूचना के जरिये उनका मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से होम गार्ड विभाग में मनमाने और गैरकानूनी तरीके से तबादला कर दिया गया।

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