नई दिल्ली महाराष्ट्र, पंजाब समेत कुछ राज्यों में कोरोना वायरस से जुड़े मामलों में तेजी आ गई है। इसको लेकर केंद्र सरकार की परेशानी बढ़ती जा रही है। इस बीच, कोरोना वैक्सीनेशन अभियान () को तेज किए जाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। देश में रजिस्टर्ड 42 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। वहीं, 2 फरवरी के बाद से नौ राज्यों में 60 प्रतिशत से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है। दूसरी ओर, उन हेल्थकेयर वर्कस को जिन्हें कोरोना टीका लगवाए 1 हफ्ते से ज्यादा समय हो गया है, उनमें से 63 प्रतिशत को मंगलवार तक दूसरी डोज दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय से आधिकारिक आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। गौरतलब है कि देश में कोरोना टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था। मंगलवार शाम तक 1.2 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा चुका है। 64. 7 लाख हेल्थकेयर और 41. 1 लाख फ्रंटलाइन वर्कस को कोरोना का पहला टीका लगाया जा चुका है। ढाई लाख से ज्यादा सत्रों में यह टीकाकरण अभियान पूरा हुआ है। 13.2 लाख हेल्थवर्कर्स को मिल चुकी दूसरी खुराक जानकारी के मुताबिक, करीब 13.2 लाख हेल्थवर्कर्स को कोरोना टीके की दूसरी डोज दी जा चुकी है। दस राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में कोरोना टीकाकरण अभियान सबसे बेहतर तरीके से चल रहा है। इनमें हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, तेलंगाना, गुजरात और त्रिपुरा शामिल हैं। यहां 75 प्रतिशत से ज्यादा हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना टीके की दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है। टीका लगवाने वालों के लिए बीमे का कोई प्रावधान नहीं आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना टीका लगवाने वालों के लिए उससे होने वाले किसी भी तरह का प्रतिकूल प्रभाव या चिकित्सीय जटिलता के लिए बीमे का कोई प्रावधान नहीं है। महाराष्ट्र और केरल में मिले कोरोना के 2 नए स्ट्रेन इस बीच, बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर मंगलवार को अच्छी खबर आई। केंद्र सरकार ने बताया कि महाराष्ट्र और केरल में सार्स-सीओवी-2 के दो नए स्वरूप - एन440के और ई484के- मिले हैं। लेकिन इन दोनों राज्यों के कुछ जिलों में मामलों में बढ़ोतरी के लिए ये दोनों स्वरूप जिम्मेदार नहीं हैं। वायरस के इन दोनों स्वरूपों में से एक तेलंगाना में भी मिला है।
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