शिमला के कांगड़ा जिले स्थित पोंग डैम इलाके में 1400 से अधिक प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी मौत से अफरा-तफरी का माहौल है। कांगड़ा प्रशासन ने बांध के जलाशय में सभी तरह की गतिविधियों में अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसी के साथ वाइल्डलाइफ अथॉरिटी ने मरे हुए पक्षियों के सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्यॉरिटी एनिमल डिसीज लैब में भेजे हैं ताकि मौत के कारण का पता लगाया जा सके। 29 दिसंबर को पोंग डैम झील वाइल्डलाइफ सेंचुरी के फील्ड स्टाफ को पूरे इलाके में मृत पक्षियों को ढूंढने के आदेश दिए गए थे। इस दौरान नगरोटा के जवाली बीट के धमेटा और गुगलारा इलाके के वन्यजीव रेंज के माझर, बथाड़ी, सिहाल, जगनोली, चट्टा, धमेटा और कुठेड़ा में 421 मृच प्रवासी पक्षी मिले। अगले दिन भी मृत पक्षी मिले। बांध के पास किसी गतिविधि की इजाजत नहीं कांगड़ा के डेप्युटी कमिश्नर सह जिलाधिकारी राकेश कुमार प्रजापति ने के तहत आदेश जारी कर कहा कि बांध के जलाशय के एक किमी के दायरे में किसी भी प्रकार की मानवीय या पशुधन की गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। यह इलाका अलर्ट जोन घोषित कर दिया गया है। इसके आगे का 9 किमी का इलाका सर्विलांस जोन है। 'बीमारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता' प्रजापति ने बताया, 'इस वक्त किसी तरह की बीमारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यह आगे न फैले इसलिए प्रोटोकॉल के अनुसार, बांध के 10 किमी के इलाके तक सुरक्षात्मक उपाय अपनाने जरूरी हैं।' प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) व प्रमुख वन्यजीव वार्डन अर्चना शर्मा ने बताया कि मृत प्रवासी पक्षियों में ज्यादातर बेयरहेडेड गीस है जो सेंट्रल एशिया में पाये जाते हैं। अर्चना ने बताया कि सभी जिलों के डिविजन वन अधिकारी (वाइल्डलाइफ) को उनके अधिकारक्षेत्र के अंदर प्रवासी पक्षियों पर निगरानी रखने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
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