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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Monday, December 28, 2020

अन्ना हजारे किसानों के मुद्दों को लेकर जनवरी में दिल्ली में शुरू करेंगे आंदोलन

पुणे सामाजिक कार्यकर्ता ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने किसानों के मुद्दों से संबंधित उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो वह जनवरी में दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि गांव में जारी बयान में अन्ना ने कहा कि उन्होंने अगले महीने दिल्ली में अपना विरोध-प्रदर्शन ‘फिर से शुरू’ करने का निर्णय लिया है और इसके बारे में सरकार को भी सूचित कर दिया है। हालांकि, आंदोलन की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। अन्ना हजारे ने कहा कि वह किसानों के लिए पिछले तीन साल से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, ‘किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर मैं पहली बार 21 मार्च, 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठा था।’ पढ़ें, हजारे ने कहा, ‘सातवें दिन, तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुझसे मिलने आए। उस समय उन्होंने मांगों को स्वीकार करते हुए लिखित आश्वासन दिया, लेकिन वे कभी पूरे नहीं हुए। मैं फिर से 30 जनवरी, 2019 को रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठा। उस समय भी केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे और फडणवीस ने लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन मांगें कभी पूरी नहीं हुईं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने एक बार फिर से वह विरोध प्रदर्शन जनवरी में दिल्ली में फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जो पिछले तीन साल से चल रहा है तथा इस संबंध में एक पत्र केंद्र को भेज दिया है। ठोस निर्णय लें या मैं अपने फैसले पर (विरोध को फिर से शुरू करने के लिए) दृढ़ हूं।’ 83 साल के हजारे ने इससे पहले रविवार को कहा था कि सरकार केवल खोखले वादे करती है, इसलिए उस पर अब कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने एक महीने का समय मांगा है और उन्हें जनवरी अंत तक का समय दिया है। अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं, तो वह फिर भूख हड़ताल करेंगे। अन्ना हजारे ने 14 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि एम. एस. स्वामीनाथन समिति की अनुशंसाओं को लागू करने और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने संबंधी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वह भूख हड़ताल करेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे़ ने हाल ही में हजारे से मुलाकात भी की थी और उन्हें केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के बारे में अवगत कराया था। हजारे ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आठ दिसंबर को किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में उपवास रखा था।

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