नई दिल्ली नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच का गतिरोध थम नहीं रहा है। किसान संगठन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। केंद्र की मोदी सरकार इस मसले पर विपक्षी दलों के निशाने पर है। कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने की योजना बनाई है। इसी संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे। राष्ट्रपति को सौपेंगे 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह करीब 10.45 बजे विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में अन्य कांग्रेसी सांसद भी इसमें हिस्सा लेंगे। इसके बाद राहुल और अन्य वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और उनके समक्ष दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे। किसान संघों ने सरकार से कहा 'खुले दिल' से करें बात प्रदर्शनकारी किसान संघों ने गेंद सरकार के पाले में होने की जिक्र करते हुए बुधवार को उससे कहा कि वह बातचीत फिर से शुरू करने के लिये नया ठोस प्रस्ताव लेकर आए, वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि समाधान तक पहुंचने का संवाद ही एक मात्र रास्ता है और सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी 6 राज्यों के किसानों से करेंगे बातचीत तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध खत्म होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 6 राज्यों के किसानों के साथ बातचीत करेंगे और इस दौरान किसान केंद्र की ओर से की गई विभिन्न पहलों को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे। 'प्रेम पत्रों' के बजाय ठोस प्रस्ताव भेजे सरकार केंद्र सरकार के तीन कृषि अधिनियमों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों में निरर्थक संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता को बहाल करने के लिए लिखित में 'ठोस' पेशकश लेकर आए। स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर सरकार एक कदम उठाएगी, तो किसान दो कदम उठाएंगे। उन्होंने साथ में सरकार से "प्रेम पत्र" लिखना बंद करने को कहा। ...तो और तेज होगा किसान आंदोलन नए कृषि कानूनों को लेकर 29वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। बुधवार को किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा कि उनका आंदोलन और तेज होगा। किसानों ने कहा कि वे बातचीत को तैयार हैं लेकिन सरकार खुले मन से बात करे, 'तथाकथित किसानों' से बात कर फूट न डाले। यहां किसान नेताओं की ओर से यह भी कहा गया कि अन्य राज्यों में प्रदर्शन तो चल रहे हैं लेकिन इतनी मजबूत ढंग से नहीं, वहां भी आंदोलन को तेज करने को कहा जाएगा।
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