पिथौरागढ़/मयूरभंज उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) और ओडिशा के मयूरभंज (Mayurbhanj) इलाके में भूकंप के झटके () महसूस किए गए। गनीमत ये रही कि झटके ज्यादा तेज नहीं थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक, पिथौरागढ़ में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 मापी गई। वहीं ओडिशा के मयूरभंज इलाके में आए झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 रही। अभी तक भूकंप में किसी भी तरह जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। मयूरभंज में 3.9 और पिथौरागढ़ में 2.6 तीव्रता के झटके नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, सबसे पहले ओडिशा के मयूरभंज इलाके में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब 2.13 बजे यहां झटके आए। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.9 मापी गई है। इसके बाद गुरुवार-शुक्रवार रात ही करीब 3.10 बजे महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, यहां रिक्टर स्केल पर 2.6 तीव्रता के झटके आए। इसे भी पढ़ें:- भूकंप के झटके महसूस होने पर क्या करें और क्या नहीं, जानिएभूकंप ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका अंदाजा लगा पाने में हम सक्षम नहीं हैं। कब, कहां धरती अचानक डोलने लगेगी, यह बता पाना वैज्ञानिकों के लिए बड़ा मुश्किल है। हालांकि, ऐसी स्थिति में थोड़ा चौकन्ना रहकर अपनी जिंदगी बचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। जानिए भूकंप जैसी स्थिति से निपटने के लिए आप कैसे तैयार रह सकते हैं। - भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों तुरंत बिना देर किए घर, ऑफिस से निकल खुली जगह पर निकल जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें। - बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें। सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें। - अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां बाहर जाने का कोई फायदा नहीं है तो सही यह होगा कि अपने आस-पास ही ऐसी जगह खोजें जिसके नीचे छिप कर खुद को बचाया जा सके। ध्यान रखें भूकंप के समय भागे नहीं इससे नुकसान की संभावना ज्यादा होगी। - भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर रहें ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे। - टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके पैर कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं। - खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है। - गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रोक लें और भूकंप के झटकों के रुकने तक इंतजार करें।
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