अनुमेहा चतुर्वेदी, नई दिल्लीकोविड वैक्सीन को लेकर करीब-करीब हर दिन नई-नई खबरें आ रही हैं। इस बीच अफवाहबाजी भी जमकर हो रही है। ऐसी ही एक अफवाह फैली कि की पहली खेप लखनऊ पहुंच चुकी है। वॉट्सऐप पर यहां तक दावा किया जा रहा है कि 15 दिसंबर से लोगों को वैक्सीन लगाने का काम भी शुरू हो जाएगा। एक अन्य दावे में कहा जा रहा है कि रूस का स्पूतनिक V वैक्सीन तो भाररत में लगाया भी जा रहा है। वहीं, एक फेसबुक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ राज्यों को कंप्लीट लॉकडाउन लागू करने की अनुमति दे दी है। वैक्सीन और लॉकडाउन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म फेसबुक समेत अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों के फैक्ट चेक करने वालों ने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की घोषणाओं और देश के कुछ इलाकों में कोरोना के दोबारा सिर उठाने के कारण यात्रा पर नए सिरे से लगाई गई पाबंदियों के साथ ही फर्जी खबरों का अंबार लगने लगा है। उनका अनुमान है कि फर्जी खबरों में वृद्धि होगी क्योंकि भारत और दूसरे देशों ने कोविड वैक्सीन बनाकर उसे वितरित करने पर तेजी से काम कर रहे हैं। लोगों से फर्जी खबरों से बचने की अपील न्यूजमोबाइल.इन के संस्थापक और प्रधान संपादक सौरभ शुक्ला कहते हैं, 'कोविड-19 वैक्सीन को लेकर कई तरह की गलत सूचनाएं और फर्जी खबरें आ रही हैं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि देशभर में फिर से लॉकडाउन लगने वाला है।' उन्होंने कहा, 'हमने हाल ही में ऐसी कई खबरों की सचाई उजागर की। एक अफवाह उड़ाई गई कि कुछ ट्रैवल एंजेंट्स लोगों को वैक्सीन लगवाने अमेरिका ले जाएंगे। हमने अथॉरिटीज को इस बारे में अलर्ट किया और लोगों को भी आगाह किया कि वो ऐसे फर्जी दावों के चक्कर में न फंसें।' मुंबई की फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट बूम की एमडी जेंसी जैकब को भी लगता है कि वैक्सीन लगाने को लेकर फर्जी खबरें और बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को लेकर पोस्ट छा गए। हमने इनका खंडन किया। वैक्सीन को लेकर भी तरह-तरह के कन्फ्यूजन पैदा किए जा रहे हैं।'
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