नई दिल्ली दो हफ्ते पहले नई दिल्ली में पाकिस्तान के दो अधिकारियों को जासूसों के आरोप में पकड़े जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों तनाव गहरा गया है। खासकर इस्लामाबाद में काम कर रहे भारतीय राजनयिकों और दूसरे स्टाफ के लिए हालात मुश्किल और खतरनाक होने की आशंका पैदा हो गई है। इस बीच भारत की कोशिश है कि वहां काम कर रहे भारतीयों के लिए कोई परेशानी खड़ी न हो। भारतीय राजनयिकों पर सर्विलांस माना जा रहा है कि अपने अधिकारियों के पकड़े से बौखलाया पाक अब वहां काम कर रहे भारतीयों को फंसाने की फिराक में है। ऐसे में भारत के उच्चायोग के लिए सामान्य तरीके से काम करना दूभर होता जा रहा है। भारतीय राजनयिकों का छिप-छिपकर पीछा किया जा रहा है और उन पर नजर रखी जा रही है। इसे लेकर भारत ने पाकिस्तान के पास शिकायत दर्ज कराई है। समझौतों का उल्लंघन कर रहा पाक सरकार ने पाकिस्तान को नोट लिखा है और उसे चेतावनी दी है कि उसका यह व्यवहार विएना कन्वेन्शन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशन्स, 1961 और बाइलेटरल 1992 कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है जो दोनों देशों ने राजनयिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए साइन किए थे। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि भारतीय उच्चायोग और उसके स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें विएना कन्वेन्शन के मुताबिक काम जारी रखने की इजाजत दी जाए। 31 मई को पकड़े गए थे अधिकारी कोरोना वायरस के चलते वैसे ही काम रुका हुआ है। हालांकि, भारतीय अधिकारियों के लिए बिना पीछा किए गए बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है। 31 मई को नई दिल्लों में पाकिस्तानी अधिकारियों को पकड़ा गया था। उसके बाद से भारतीय अधिकारियों पर सर्विलांस शुरू कर दिया गया है। भारत के प्रभारी गौरव अहलूवालिया को भी डराया गया है और उन पर नजर रखी गई है। खुद को भारतीय बताकर करते थे जासूसी दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमिशन के दो अधिकारियों को जासूसी करते रंगे हांथों पकड़ा गया था। आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन पाकिस्तान हाई कमिशन के वीजा सेक्शन में काम करते थे। सूत्रों के मुताबिक दोनों को एक भारतीय से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करते हुए पकड़ा गया था। दोनों दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और जासूसी करते थे, लेकिन फर्जी आईडी बनाकर खुद को भारतीय बताते थे। पकड़े जाने के 24 घंटे बाद ही दोनों पाकिस्तान लौट गए थे।
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