12वीं कक्षा में पढ़ने वाला लड़का घर के गुजारे के लिए श्मशाम में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की लाशों का अंतिम संस्कार कर रहा है। पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर के रहने वाले 20 वर्षीय चांद मोहम्मद ने यूं तो सपना सजाया था कि खूब जमकर पढ़ाई करेगा और डॉक्टर बनेगा लेकिन उसका सपना मानों सपना ही हो गया हो। छोटी उम्र में ही जिम्मेदारियों का पहाड़ चांद पर ऐसा टूटा कि अब जिस उम्र में इंसान श्मशाम घाट को ढंग से समझ पाता है उस उम्र में वो वहां नौकरी कर रहा है। चांद कोविड-19 बीमारी से होने वाली मौतों के शवों को अंतिम विदाई दे रहा है। वो जानता है कि ये नौकरी बहुत मुश्किल है लेकिन पेट से बढ़कर नहीं
via WORLD NEWS
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