रिटायर्ड प्रोफेसर रहे पति-पत्नी ने पैसिव इच्छामृत्यु के लिए अपनी अग्रिम वसीयत कोर्ट में पंजीकृत करा दी है। पैसिव इच्छामृत्यु का अर्थ है कि जब व्यक्ति मरने की स्थिति में होता है तो उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर नहीं रखा जाता। भारत में पैसिव इच्छामृत्यु को सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी तौर पर जायज ठहराया है, लेकिन ऐक्टिव इच्छामृत्यु गैर-कानूनी है।
via WORLD NEWS
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