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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, October 6, 2019

अब और भी शक्तिशाली बनेगा वायुसेना का सुखोई, जुड़ेंगे ये शानदार फीचर्स

नई दिल्ली अपनी ताकत को और अधिक विस्तार देने व युद्ध में मुकाबला करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत ने अब अपने के बेड़े को अपग्रेड कर उसे उन्नत वैमानिकी, राडार और हथियारों से लैस बनाने की योजना बनाई है। फिलहाल इस प्रॉजेक्ट पर रूस से बात चल रही है।भारतीय वायुसेना रूस से 12 और सुखोई विमान खरीदने की योजना बना रही है ताकि क्रैश में बर्बाद हुए लड़ाकू विमानों की भरपाई की जा सके। इन दिनों वायुसेना लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रही है। इन विमानों को पीएसयू हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स द्वारा बनाया जाएगा। यह कंपनी सुखोई के अलावा 21 अतिरिक्त मिग -29 जेट्स का निर्माण भी करेगी, जिसमें एक विमान की लागत 230 करोड़ रुपये होगी। वायुसेना अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह भदौरिया के अनुसार, सुखोई विमानों को निकट भविष्य में और अपग्रेड किया जाएगा ताकि उन्हें और अधिक सक्षम बनाया जा सके। बता दें कि वायुसेना ने अब तक 272 में से सिर्फ 250 सुखोई विमान अपने बेड़े में शामिल किए हैं। सुखोई सू 30 एमकेआई के 272 बेड़ों का ऑर्डर पहले ही मिल चुका है। अब उसके अपग्रेडेशन की बातचीत चल रही है। अपग्रेड के बाद सुखोई का प्रारूप सुखोई अपग्रेड परियोजना के तहत, इनमें नए एवियॉविक्स शामिल किए जाएंगे। एक शक्तिशाली और प्रभावी राडार सिस्टम लगाया जाएगा जोकि एईएसए यानी active electronically scanned array जितना ही सक्षम है। एक सूत्र के अनुसार, 'हथियारों के नियंत्रण और नई मिसाइलों व पीजीएम (सटीक-निर्देशित मूनिशन) के इंटिग्रेशन के लिए नए कंप्यूटर सिस्टम की जरूरत होगी। ट्विन सीट वाले 42 सुखोई विमानों को भी सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से अपग्रेड किया जाएगा। सुखोई विमान 3 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। मिराज-2000 भी होगा अपग्रेड सुखोई के अलावा भारतीय वायुसेना के 49 मिराज-2000s को भी अपग्रेड किया जाएगा। इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल 26 फरवरी को हुई बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इस्तेमाल किया गया था। इनके अपग्रेड में 17,547 करोड़ रुपये की लागत लगेगी। चूंकि भारतीय वायुसेना के पास युद्धक विमानों का बेड़ा घटकर काफी कम हो गया है, ऐसे में ये आधुनिक लड़ाकू विमान वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। साल 2015 में भी मिराज-2000s को अपग्रेड करके वायुसेना को सौंपा गया था। उस वक्त उनमें नए इलेक्ट्रॉनिक और राडार सिस्टम लगाया गया था। चूंकि इसमें दो इंजन होते हैं इसलिए इसके क्रैश होने की संभावना बहुत ही कम है।

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