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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Monday, October 14, 2019

जम्मू-कश्मीर: आतंकियों पर नजर रखेगी 'तीसरी आंख'

अमन शर्मा, नई दिल्ली के हर जिले के सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर नया सर्विलांस सिस्टम लगेगा। इसमें लोगों का चेहरा और गाड़ियों के नंबर प्लेट अपने आप पहचाने वाली सुविधा होगी। इसका मकसद आतंकियों और संदिग्ध वाहनों की तुरंत पहचान करना और फटाफट जारी करना है, ताकि सुरक्षाबल उनसे फुर्ती से निपट सकें। जम्मू-कश्मीर पुलिस मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक पुराने राज्य के सभी 25 जिलों में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर चौबीसों घंटे चालू रहने वाला CCTV सर्विलांस सिस्टम लगाएगी। यह पहल सरकार और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर राज्यभर में लगे मौजूदा CCTV नेटवर्क से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अच्छे नतीजे मिलने के बाद शुरू की गई है। CCTV फीड से राज्य में तैनात सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध आतंकियों की मूवमेंट का पता लगाने और फिर उन्हें गिरफ्तार करने या मारने में मदद मिली है। नए सर्विलांस नेटवर्क के लिए राज्य के सभी जिलों के एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्स को 'हाई प्रायॉरिटी एरिया' माना गया है। जम्मू और श्रीनगर में जोन लेवल मॉनिटरिंग स्टेशनइस योजना के तहत राज्य के हर जिले में CCTV मॉनिटरिंग स्टेशन होगा, जबकि जम्मू और श्रीनगर में जोन लेवल के मॉनिटरिंग स्टेशन होंगे। CCTV कैमरे से मिलने वाले डेटा की प्रोसेसिंग और उसमें किसी संदिग्ध का पता चलने पर अलर्ट जारी करने के लिए जिला स्तर के सभी CCTV मॉनिटरिंग स्टेशंस को जोन लेवल के मॉनिटरिंग स्टेशन के साथ कनेक्ट किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक CCTV कैमरे सभी जिलों में एंट्री और एग्जिट करने वाली गाड़ियों के नंबर प्लेट कैप्चर करने और लोगों के चेहरे पहचानने में सक्षम होंगे। पढ़ें: रात और दिन, दोनों में वीडियो लिए जा सकेंगे मॉनिटरिंग स्टेशनों से रियल टाइम बेसिस पर जारी होने वाले अलर्ट सीधे सिक्यॉरिटी फोर्सेज के पास जाएंगे। इसके लिए कुछ इलाकों में गाड़ियों पर लगे कैमरों या फिर शहर के भीतर अहम ठिकानों पर लगे कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस को मॉनिटरिंग स्टेशंस और कंट्रोल सेंटर के मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। कैमरों के जरिए रात और दिन दोनों में वीडियो लिए जा सकेंगे, जिन्हें चलाने के लिए बिजली सोलर पावर और कमर्शल पावर सप्लाई से मिलेगी। गाड़ियों की स्पीड, लोकेशन और टाइम को GIS (जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम) से लैस CCTV से कैप्चर किया जाएगा।

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