ओडिशा में इस बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक ही साथ हुए। प्रदेश की कुर्सी पर 4 बार बैठ चुके नवीन पटनायक के सामने एक तो 'सत्ता विरोधी लहर' और 'मोदी-लहर' के रूप में दो-दो मुख्य चुनौतियां थीं। हालांकि नवीन ने 'फोनी चक्रवाती तूफान' के बाद 'मोदी सुनामी' का भी डटकर सामना किया।
No comments:
Post a Comment