सेना को 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद से ही कामरान की तलाश थी और चार दिनों के बाद आखिरकार सफलता मिल ही गई। कामरान ही वह दहशतगर्द था, जिसका दिमाग सीआरपीएफ जवानों का काफिले पर पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के पीछे था। उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आका मसूद अजहर के इशारे पर वारदात को अंजाम दिया था। via WORLD NEWS The Navbharattimes
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