नानाजी ने अपनी कर्मभूमि भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट को बनाया. नानाजी का मानना था कि जब अपने वनवासकाल के प्रवास के दौरान भगवान राम चित्रकूट में आदिवासियों तथा दलितों के उत्थान का कार्य कर सकते हैं तो वे क्यों नहीं. via WORLD NEWS Zee News Hindi: India News
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