एक ओर जहां पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि जैश के आतंकी कैंप पर भारतीय वायुसेना का हमला नाकाम हो गया क्योंकि बम खुले में गिरे और जिस कैंप को निशाना बनाया गया वहां कोई रहता नहीं था। लेकिन कुछ सैटेलाइट चित्रों के जरिये भारत की ओर से यह दिखाया गया कि एयरफोर्स का निशाना सटीक लगा था और जिस कैंप को निशाना बनाया गया वहां अब कोई ढ़ांचा खड़ा नहीं है। आज एनटीआरओ के सूत्रों ने एक और खुलासा किया है जिससे भारत के दावे को और मजबूती मिलती है। सूत्रों के मुताबिक जिस कैंप को निशाना बनाया गया वहां हमले से ठीक पहले 300 मोबाइल फोन सक्रीय थे। इससे यह बात साबित होती है कि जैश के उस कैंप में हमले से ठीक पहले जैश के आतंकी और ट्रेनर मौजूद थे। एनटीआरओ ने उस कैंप का तब तकनीकी सर्वेक्षण किया जब एयरफोर्स को उस कैंप को निशाना बनाने की अनुमति दी गई।
via WORLD NEWS
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