यह पूछे जाने पर कि इस्लामी देश चीन में कथित मानवाधिकार उल्लंघन या पाकिस्तान में अहमदिया और शिया मुसलमानों के साथ व्यवहार पर कुछ क्यों नहीं कहते, इसके जवाब में अंसारी ने कहा कि यह एक वैध सवाल है, जिसे पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारतीय मुसलमानों ने कभी भी विदेशों से मदद लेने के बारे में नहीं सोचा। वह एक भारतीय नागरिक हैं और उनके लिए भारत का संविधान उनका धार्मिक ग्रंथ है।